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भारी भीड़ में घायल व बेहोश होने वाले श्रद्धालुओं को तत्काल अस्पताल पहुंचाया
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लाखों लोगों के बीच एंबुलेंस के लिए विशेष कॉरिडोर किया तैयार
भुवनेश्वर। उत्कल विपन्न सहायता समिति की ओर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संय़ोजन में पुरी में आयोजित रथयात्रा के दौरान कुल दस प्रकार के सेवा कार्य किये गये। 15 सौ से अधिक स्वयंसेवक इन सेवा कार्यों में नियोजित रहे। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ में घायल व बेहोश होने वाले श्रद्धालुओं को तत्काल अस्पताल तक पहुंचाना व भीड़ के अंदर एंबुलेंस के लिए रास्ता तैयार करने का कार्य स्वयंसेवकों ने किया। स्वयंसेवकों के कारण ही घायलों व अस्वस्थ लोगों को रथ के निकट से एंबुलेंस के पास सहज पहुंचा पाया जा रहा था। स्वयंसेवकों द्वारा किये गये सेवा कार्यों की सराहना हो रही है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व उत्कल विपन्न सहायता समिति द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, संघ की ओर से प्राथमिक चिकित्सा में 8 डॉक्टर, दो फार्मासिस्ट, दो स्वास्थ्य सहायक लगे थे। इसी तरह दो एंबुलेंस के साथ 40 स्वयंसेवक कार्य कर रहे थे।
इसके साथ ही स्ट्रेचर सेवा में भी स्वयंसेवक लगे थे। 9 स्ट्रेचर सेवा में 36 स्वयंसेवक कार्य कर रहे थे। दस स्थानों पर पेयजल वितरण का कार्य हो रहा था और इस कार्य में 60 स्वयंससेवक उपस्थित थे। भारी उमस व गर्मी के कारण श्रद्धालुओं के ऊपर पानी छिटकने के लिए कुल 14 मशीनें लगायी गई थी तथा इसमें 42 स्वयंसेवक लगे थे।
इसी तरह पुरी के अस्पतालों में भी घायलों व अस्वस्थ श्रद्धालुओं की सहायता के लिए भी स्वयंसेवक तैनात थे। अस्पताल में विभिन्न विभागो में कुल 350 स्वयंसेवकों ने मरीजों की सहयता के कार्य में लगे थे। इसी तरह स्वच्छता के लिए 10 समूहों में 150 स्वयंसेवकों ने अपनी सेवाएं प्रदान की। भोजन वितरण कार्य में 60 स्वयंसेवक लगे थे। एंबुलेंस के लिए मानव शृंखला के जरिये कारिडर बनाने हेतु 1060 स्वयंसेवक लगे थे। ये सारे स्वयंसेवक 7 व 8 दो दिन लगातार सेवा के कार्य में लगे रहे।
प्राथमिक चिकित्सा सेवा 9 दिनों तक चला
उत्कल विपन्न सहायता समिति न राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा प्राथमिक चिकित्सा सेवा 9 दिनों तक चल रहा है। इस सेवा केन्द्र में भुवनेश्वर, कटक व ब्रह्मपुर से डाक्टर आकर चिकित्सा कर रहे हैं।
रथयात्रा से एक दिन पूर्व यानी 6 जुलाई को पुरी के घोड़ा बाजार स्थित सरस्वती शिशु विद्यामंदिर में संघ के वरिष्ठ अधिकारियों ने वहां उपस्थित समस्त स्वयंसेवकों को दस विभागों के सेवा कार्यों के बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद स्वयंसेवकों ने रथयात्रा के दिन सुबह सात बजे से अपने निर्धारित सेवा कार्य करना प्रारंभ कर दिया।
वरिष्ठ पदाधिकारियों ने की निगरानी
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ओडिशा (पूर्व) के संघचालक समीर मोहेती, राष्ट्रीय सेवा भारती के संगठन मंत्री सुधीर जी, क्षेत्री संपर्क प्रमुख विद्युत मुखर्जी, प्रांत प्रचारक विपिन प्रसाद नंद, सह प्रांत कार्यवाह सुदर्शन दास, प्रांत सेवा प्रमुख शांतनु माझी, उत्कल विपन्न सहायता समिति के अध्यक्ष अक्षय बीट, सेवा भारती के प्रांत संगठन मंत्री कैलाश चंद्र जेना, रथयात्रा सेवा के सयोंजक रुद्र नारायण महापात्र ने उपस्थित रह कर सेवा कार्यों की निगरानी की।