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महिला संगठन ‘समर्था’ ने अतिरिक्त जिलाधिकारी के जरिये केन्द्रीय गृह मंत्री को भेजा ज्ञापन
भुवनेश्वर। संदेशखाली समेत पश्चिम बंगाल के विभिन्न इलाकों में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ काफी संख्या में महिलाएं भुवनेश्वर में सड़कों पर उतरीं। इन महिलाओं ने हाथो में प्लेकार्ड लिये पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया तथा राज्य की महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की।
महिलाओं के सम्मान व महिलाओं में नेतृत्व विकास के क्षेत्र में कार्य करने वाली सामाजिक संगठन समर्था द्वारा यह विरोध प्रदर्शन व धरना कार्यक्रम किया गया। पश्चिम बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग को लेकर समर्था का एक प्रतिनिधिमंडल भुवनेश्वर के अतिरिक्त जिलाधिकारी से मिल कर केन्द्रीय गृह मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
इधर, शुक्रवार को राजभवन के सामने आयोजित इस धरना व प्रतिवाद सभा को संबोधित करते हुए समर्था के पदाधिकारी श्रीमती आरती बैशाख ने कहा कि पश्चिम बंगाल में महिलाओं के प्रति उत्पीड़न लगातार बढ़ रहा है।
मां, माटी व मानुष की बात कर सत्ता में आने वाली तृणमूल कांग्रेस की छत्रछाया में आज महिलाओं के सम्मान की धज्जियां उड़ायी जा रही हैं। केवल इतना ही नहीं, पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों से महिलाओं पर अत्याचार के रौंगटे खड़े करने वाली जो घटनाएं सामने आ रही हैं, उसे सभ्य समाज विचलित है।
हाल ही में पश्चिम बंगाल के संदेशखाली, कूचबिहार एवं दिनाजपुर में महिलाओं के उत्पीड़न की जिस तरह की घटनाएं सामने आयी हैं, उसे लेकर चारों और निंदा हो रही है। वहां की घटनाओं से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र नहीं है, बल्कि तालिबानी शासन है।
इसलिए हम बंगाल की महिलाओं की सुरक्षा की मांग को लेकर आज यह धरना दे रहे हैं। हमारी मांग है कि बंगाल की महिलाओं को सुरक्षा प्रदान किया जाए। साथ ही महिलाओं पर अमानवीय अत्याचार करने वालों पर कडी से कड़ी कार्रवाई की जाए।
धरना के बाद श्रीमती आरती बैशाख, सुश्री लतिका पाढ़ी, श्रीमती आरती जेना, श्रीमती ज्योतिर्मयी साहू व श्रीमती सानुजा मेघमाला के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिदल अतिरिक्त जिलाधिकारी से मिल कर इस संबंध में ज्ञापन सौंपा।