-
मुख्यमंत्री मोहन माझी, धर्मेंद्र प्रधान, नवीन पटनायक समेत मान्यगण्य़ लोगों ने शोक व्यक्त किया
-
काकटपुर निर्वाचन क्षेत्र से 7 बार विधानसभा के लिए किया था प्रतिनिधित्व
भुवनेश्वर। काकटपुर के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री सुरेंद्र नायक का निधन हो गया है। वे 93 साल के थे। आज उन्होंने भुवनेश्वर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली।
वह काकटपुर निर्वाचन क्षेत्र से 7 बार विधानसभा के लिए चुने गए थे। वह पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक के काफी करीबी रहे। सुरेंद्र नायक कृषि और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग के मंत्री भी रहे थे। 1977 में वे विधानसभा के उपाध्यक्ष पद पर सुशोभित हुए थे।
उल्लेखनीय़ है कि नायक मस्तिष्क में चोट लगने के कारण 2019 से बीमार चल रहे थे, लेकिन नियमित रूप से गीता और गांधी साहित्य का अध्ययन कर रहे थे। उनके इलाकों के लोगों के साथ भी उनका नियमित संपर्क अंत तक बना रहा।
पूर्व मंत्री सुरेन्द्र नाथ नायक के निधन पर मुख्यमंत्री समेत मान्यगण्य़ लोगों ने शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरेन्द्र नाथ नाय़क नायक एक लोकप्रिय नेता और कुशल प्रशासक थे। वह आम लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय थे। विधायक और मंत्री के रूप में उन्होंने ओडिशा के विभिन्न क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका निधन राज्य के लिए बड़ी क्षति है। मुख्यमंत्री शौका ने दिवंगत आत्मा की कुशलता की कामना करते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पूर्व विधायक सुरेंद्र नाथ नायक के निधन पर दुख व्यक्त किया है। सोशल मीडिया एक्स पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ओडिशा के पूर्व मंत्री, विधानसभा उपाध्यक्ष और काकटपुर के पूर्व विधायक सुरेंद्र नाथ नायक के निधन की खबर सुनकर मैं दुखी और दुखी हूं। वे एक लोकप्रिय जनप्रतिनिधि के रूप में जाने जाते थे। ओडिशा के लोगों के लिए उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। अमर आत्मा की सद्गति की कामना करने के साथ-साथ शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।
विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने पटनायक ने कहा कि नायक बीजू बाबू के करीबी सहयोगी थे। उन्हें सार्वजनिक जीवन में उनकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के साथ-साथ लोकप्रिय जननेता, कुशल प्रशासक और संगठनकर्ता के लिए भी याद किया जाएगा।
मुख्यमंत्री व उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने किये अंतिम दर्शन
सुरेन्द्र नाथ नायक के निधन के बाद उनका पार्थिव शरीर ओडिशा विधानसभा परिसर लाया गया। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, उप मुख्यमंत्री केवी सिंहदेव एव प्रभाती परिडा ने उनके अंतिम दर्शन करने के साथ-साथ उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पमाल्य देकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके अलावा राज्य सरकार के अनेक मंत्री, विधायक व पूर्व विधायकों ने भी विधानसभा परिसर में पहुंच कर श्रद्धांजलि दी।