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बालेश्वर शहर में कर्फ्यू लागू, इंटरनेट सेवाएं बंद
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शहर के सभी प्रवेश द्वार सील, दुकानें, बाजार, स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे
बालेश्वर। सोमवार दोपहर को बालेश्वर शहर के भुजखिया पीर के पास गोहत्या के संदेह में शुरू हुई सांप्रदायिक झड़प के बाद देर रात फिर से हिंसा व आगजानी की घटनाएं हुईं। इस दौरान उपद्रवियों ने जमकर तक उत्पात मचाया तथा तोड़फोड़ की गयी। हालात से निपटने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। स्थिति को सामान्य बनाए रखने के लिए बालेश्वर जिला प्रशासन ने पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया है। खबर है कि इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गयी हैं। शहर को जोड़ने वाली दोनों ओर की सड़कों पर भी कर्फ्यू लागू रहेगा तथा यह 17/6/24 रात 12 से 18/6/24 रात 12 तक कर्फ्यू प्रभावी रहेगा। ओटी रोड के सभी प्रवेश मार्ग सील किये गये हैं। इस दौरान कोई भी नागरिक घर से बाहर नहीं निकल सकेगा। सार्वजनिक स्थानों या सड़कों पर चलने, वाहन से घूमने या रुकने की अनुमति नहीं होगी। आपातकालीन चिकित्सा सेवा को छूट दी गयी है। कर्फ्यू के दौरान कोई भी व्यावसायिक प्रतिष्ठान या दुकानें खुली नहीं रहेंगी। इस दौरान केवल नगरपालिका कर्मचारी, कार्यकारी मजिस्ट्रेट, पुलिस कर्मचारी, स्वास्थ्य विभाग, बिजली, पीएचडी और सरकारी यांत्रिक विभाग के अधिकारियों को अनुमति होगी।
बालेश्वर के एसपी सागरिका नाथ ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पूरे शहर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। कर्फ्यू के कारण मंगलवार को दुकानें, बाजार, स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। उन्होंने सभी से घरों से बाहर न निकलने की अपील की।
44 प्लाटून पुलिस फोर्स तैनात
बालेश्वर में हिंसा को नियंत्रित करने के लिए 44 प्लाटून पुलिस फोर्स तैनात किया गया है, जबकि सात मामले दर्ज किये गये हैं और 34 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
हिंसा का दायरा बढ़ा
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सोमवार दोपहर को सांप्रदायिक झड़प के बाद देर रात हिंसा बालेश्वर शहर के गोलापोखरी, मोतीगंज, सिनेमा चौक तक फैल गई। उपद्रवियों ने विभिन्न मुहल्लों में घुसकर लोगों के घरों पर पथराव किया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
सांसद और विधायक की अधिकारियों संग बैठक
राज्य पुलिस के पूर्वी रेंज के पुलिस आईजी डॉ. दीपक कुमार और एसपी सागरिका नाथ मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। प्रशासन ने कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया। शहर के सभी प्रवेश द्वारों को सील कर दिया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री व बालेश्वर के सांसद प्रताप चंद्र षाड़ंगी और बालेश्वर सदर विधायक मानस दत्त भी पुलिस व प्रशासन से लगातार बातचीत करते हुए दिखे।
नाले का पानी लाल रंग दिखने पर भड़का आक्रोश
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सोमवार दोपहर सुनहट मुख्य सड़क के किनारे नालियों का पानी लाल होता देख स्थानीय लोगों ने संदेह जताया कि यह गोवंश का खून है। स्थानीय लोगों ने यह देखकर नाराजगी जताई और विरोध किया। इससे दोनों समूहों के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हुई। इस संबंध में शिकायतकर्ता से सूचना मिलने पर पुलिस व मीडिया प्रतिनिधि वहां पहुंचे। इसके बाद दूसरे समुदाय के सैकड़ों लोग एकत्र हो गए और शिकायतकर्ताओं पर हमला कर दिया तथा पत्थर व कांच की बोतलें फेंकी।
पहले दिन कई पुलिस अधिकारी घायल
बताया जाता है कि बालेश्वर में हिंसा को नियंत्रित करने गए एडिशनल एसपी अनिल प्रधान, एसडीपीओ डॉक्टर शशांक शेखर बेउरा, डीएसपी ब्रजमोहन प्रधान सहित दो पुलिस अधिकारी व तीन कांस्टेबल गंभीर रूप से घायल हो गए। पथराव व कांच की बोतलों से किए गए हमले में स्थानीय क्षेत्र के 10 से अधिक लोग व सड़क से गुजर रहे आम लोग भी घायल हो गए।
मीडियाकर्मियों पर भी हमला
सड़क पर बाइक, स्कूटर व चार पहिया वाहन रोककर लोगों पर भी हमला किया। समाचार संकलन करने गए मीडिया प्रतिनिधियों पर भी हमला किया गया तथा उनके कैमरे तोड़ दिए गए। करीब दो घंटे तक चले झडप के बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में किया।
मोहन ने की शांति बनाये रखने की अपील
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बालेश्वर जिला मजिस्ट्रेट से चर्चा की। श्री माझी ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में शांति एवं कानून व्यवस्था की स्थिति को खराब नहीं होने दिया जाएगा। ओडिशा एक शांतिप्रिय राज्य है। उन्होंने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की।