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पीड़ितों को त्वचा में अचानक जलन, गले में सूजन और हल्का बुखार जैसे लक्षण
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जांच के लिए चिकिस्तकों और डब्ल्यूएचओ की टीम गांव पहुंची
रायगड़ा। रायगढ़ जिले में एक सप्ताह के भीतर अज्ञात बीमारी ने कहर बरपा रखा है। इसने 4 बच्चों की जान ले ली है और कई अस्पताल में भर्ती हैं।
अज्ञात बीमारी के शिकार बच्चों की पहचान पुरनी माझी (10), नरेंद्र माझी (4), दासा माझी (10) और काली माझी (15) के रूप में हुई है। ये सभी काशीपुर ब्लॉक के डोंगासिल पंचायत के मुनुशपदर गांव के रहने वाले हैं। हालांकि रहस्यमय बीमारी की उत्पत्ति अज्ञात है, लेकिन पीड़ितों को त्वचा में अचानक जलन, गले में सूजन और हल्का बुखार जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं।
मीडिया को दिये गये बयान में रायगड़ा के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी (सीडीएमओ) डॉ लालमोहन राउतराय ने कहा है कि हमने अज्ञात बीमारी की जांच शुरू कर दी है। डॉ ममता चौधरी (बाल रोग विशेषज्ञ) के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम और एक महामारी विशेषज्ञ को डीएचएच से गांव भेजा गया है, ताकि मरीजों को तत्काल सहायता प्रदान की जा सके।
सीडीएमओ ने आगे कहा कि भवानीपाटणा से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक टीम भी बीमारी के पीछे के कारणों का विश्लेषण करने के लिए मौके पर पहुंच गई है। हमने रायगड़ा के डीएचएच में पांच और मरीजों को भर्ती कराया है, वे सभी फिलहाल चिकित्सकीय देखरेख में हैं। हमने एंटीबॉडी टिटर की जानकारी के साथ रक्त के नमूने, गले के स्वाब भी एकत्र किए हैं और इसे आगे की जांच के लिए भुवनेश्वर भेज दिया है।
एक सप्ताह से बनी है ऐसी स्थिति
रायगड़ा अस्पताल में भर्ती मरीजों के रिश्तेदारों में से एक आसु माझी ने कहा कि एक सप्ताह से इस बीमारी ने गांव में तबाही मचा रखी है। पिछले एक सप्ताह में तीन बच्चों की मौत हो चुकी है। हम सभी पीने के पानी के लिए झरने पर निर्भर हैं, क्योंकि कोई अन्य स्रोत नहीं है। पुरी माझी नामक एक अन्य परिचारिका ने कहा कि मैं चार बच्चों के साथ अस्पताल आई हूं, जिनमें से तीन के गले में सूजन है और उनमें से एक को हल्का बुखार है और वह लगातार उल्टी कर रहा है। चार बच्चों की लगातार मौतों ने ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना दिया है।