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बीजद की हार पर गलतियां ढूंढने लगे हैं नेता

  • उमा सामंतराय ने ब्रह्मगिरि सीट से चुनाव लड़ने से किया था इनकार

भुवनेश्वर। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बीजद का 24 साल पुराना किला ढहने के बाद पार्टी के नेता गलतियों को ढूंढने में लग गये हैं।

अधिकांश नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पार्टी की हार के लिए नवीन के खास वीके पांडियन को जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को बीजू छात्र जनता दल के कुछ सदस्यों ने शाखा भवन में पार्टी के संगठन सचिव प्रणव प्रकाश दास की मौजूदगी में पांडियन के खिलाफ नारे लगाए। उन्होंने मानस मंगराज और सस्मित पात्र को भी नहीं बख्शा। उन्होंने पांडियन के दिल्ली दौरे पर प्रेस वार्ता आयोजित करने के लिए सस्मित पात्र पर भी जहर उगला।

इसके बाद सत्यवादी के पूर्व विधायक उमा सामंतराय ने भी ब्रह्मगिरि सीट पर हार का सामना करने के कारणों का खुलासा करते हुए कोई कसर नहीं छोड़ी।

उन्होंने कहा कि जब मुझसे ब्रह्मगिरि सीट से चुनाव लड़ने के लिए कहा गया, तो मैंने इनकार कर दिया। सामंतराय ने कहा कि मैंने चार बार मना किया, उसके बाद भी मुख्यमंत्री ने मुझसे कहा कि अगर आप मुझे छठी बार मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं, तो आपको ब्रह्मगिरि से चुनाव लड़ना होगा।

दूसरी ओर, बीजद के वरिष्ठ नेता प्रसन्न आचार्य ने कहा कि चुनाव में हार-जीत लगी रहती है। हमारी पार्टी कमजोर नहीं हुई है। यह मजबूत है और आने वाले दिनों में और मजबूत होगी।

इससे पहले जब केंद्रापड़ा के पूर्व विधायक शशि भूषण बेहरा से पार्टी की हार के बारे में पूछा गया था, तो उन्होंने कहा था कि वरिष्ठ नेताओं को चुनाव प्रबंधन से दूर रखा गया था।

इसी तरह, वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल सामल ने भी कहा था कि नवीन बाबू बिना पांडियन के भी सब कुछ करने में सक्षम हैं।

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