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बाहनगा ट्रेन त्रासदी के एक साल पूरे

  •  आज भी ताजा हैं यादें

बालेश्वर। ओडिशा के बालेश्वर जिले के बाहनगा में हुई विनाशकारी ट्रेन त्रासदी के एक साल बाद भी इस भयानक घटना की यादें स्थानीय निवासियों और बचे हुए लोगों के मन में जीवंत हैं। इस आपदा ने 296 लोगों की जान ली और 1200 लोगों को घायल कर दिया था।

2 जून 2023 को, कोरोमंडल एक्सप्रेस बाहनगा बाजार स्टेशन पर खड़ी लौह अयस्क-लदी मालगाड़ी से टकरा गई। इसके बाद यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस कुछ पटरी से उतरे हुए डिब्बों से टकरा गई, जिससे यह आपदा और भी गंभीर हो गई।

एक साल बीत जाने के बावजूद इस त्रासदी का आघात अभी भी बचे हुए लोगों और अपने प्रियजनों को खोने वाले लोगों के लिए ताजा है। स्थानीय निवासियों के लिए भी उस दिन की यादें आज भी जीवंत हैं।

एक स्थानीय निवासी ने कहा कि मैं उस दिन को नहीं भूल सकता जब यह भीषण ट्रेन दुर्घटना हुई थी। कुछ ही पलों में कई परिवारों की जिंदगी बिखर गईं, क्योंकि उन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया। हमने दुर्घटना के बाद की चीखें और भयानक दृश्य देखे हैं।

इस हादसे के बाद बचाव और राहत में स्थानीय लोगों की भूमिका काफी मददगार रही। मीडिया को दिये गये बयान में दीपक रंजन, जिन्होंने बचाव अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, ने घटना को याद करते हुए कहा कि मैं कल ट्रेन दुर्घटना के बारे में सोच रहा था। हमने हादसे के बाद तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि जिन 28 यात्रियों को मैंने बचाया, वे सुरक्षित हैं और मैं बचे हुए लोगों से मिलना चाहता हूं।

उन्होंने दुर्घटना के बाद के कठिन दिनों को याद करते हुए कहा कि हम चार दिनों तक खाना भूल गए और तब तक पटरियों की पहरेदारी की जब तक उन्हें घेराबंदी नहीं की गई। हमने प्रशासन की मदद की और अधिकारियों ने भी हमें संकट की स्थिति में काम करने की अनुमति दी।

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