-
विशेष सचिव डीएस कुटे निलंबित, आईपीएस आशीष सिंह की सेहत जांच का निर्देश
शेख जाफर, इण्डो एशियन टाइम्स, भुवनेश्वर।
भारतीय निर्वाचन आयोग की कार्रवाई ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के कार्यालय तक पहुंच गयी है। चुनाव आयोग ने नवीन पटनायक के विशेष सचिव डीएस कुटे को निलंबित कर दिया है, जबकि सीएम की सुरक्षा में तैनात आईजी, आशीष कुमार सिंह की विस्तृत चिकित्सा जांच का भी आदेश दिया गया है, जो 4 मई 2024 से चिकित्सकीय अवकाश पर हैं। डीएस कुटे का निलंबन चुनावी प्रक्रिया में निष्पक्षता और समानता बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है। डीएस कुटे 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, जबकि, आशीष सिंह, आईजी (सीएम सुरक्षा) 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।
ओडिशा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा किए गए विभिन्न अवलोकनों और प्राप्त जानकारी में उल्लेखित है डीएस कुटे ने चुनावी कार्यों में अनुचित हस्तक्षेप किया है।
भाजपा ने 8 अप्रैल को आरोप लगाया कि डीएस कुटे बीजू जनता दल के लिए काम कर रहे हैं और सीएमओ में रहकर सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में पुलिस अधिकारियों के माध्यम से काम कर रहे हैं। भाजपा ने उनके मोबाइल फोन जब्त करने और कॉल डिटेल रिकॉर्ड निकालने की मांग की थी।
कुटे को लेकर ऐसे हैं चुनाव के आदेश
– कुटे को निलंबित किया जाए।
– उन्हें 29 मई 2024 को दोपहर 3:00 बजे तक नई दिल्ली स्थित ओडिशा के रेजिडेंट कमिश्नर के कार्यालय में रिपोर्ट करना होगा।
– ओडिशा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ओडिशा के मुख्य सचिव को चार्जशीट का मसौदा प्रदान करना होगा, जिसे 30 मई 2024 को शाम 5:00 बजे तक जारी किया जाएगा।
एम्स में होगी आशीष कुमार सिंह की चिकित्सा जांच
वर्तमान स्थिति में आशीष कुमार सिंह 4 मई 2024 से चिकित्सकीय अवकाश पर हैं। अब चुनाव आयोग ने आदेश किया है कि सिंह को एम्स भुवनेश्वर के निदेशक द्वारा गठित विशेष चिकित्सा बोर्ड द्वारा विस्तृत चिकित्सा जांच के लिए उपस्थित होना होगा। यह जांच 30 मई 2024 तक पूरी होनी चाहिए। साथ ही कहा गया है कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि चिकित्सा बोर्ड का गठन हो और रिपोर्ट 31 मई 2024 तक केंद्रीय चुनाव आयोग को प्राप्त हो जाए।
प्रशांत जगदेव में बिना बाधा की जांच हो
केंद्रीय चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि भाजपा के विधायक प्रत्याशी प्रशांत जगदेव के खिलाफ ईवीएम को नुकसान पहुंचाने के मामले की जांच तेजी से और बिना बाधा के जारी रहनी चाहिए। कहा गया है कि निर्वाचन आयोग के ये कदम निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने, किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार के आरोपों को संबोधित करने और ओडिशा में चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता बनाए रखने के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
चुनाव आयोग की कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण – पांडियन
बीजू जनता दल के नेता वीके पांडियन ने चुनाव आयोग की कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण व राजनीति से प्रेरित बताया है। पांडियन ने आज इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यह दोनों काफी डाइनामिक अधिकारी हैं। ओडिशा के मालकानगिरि, गजपति व अन्य नक्सल प्रभावित जिलों में नक्लवाद को नियंत्रित करने में इनकी काफी प्रमुख भूमिका रही है। भाजपा के इशारे पर चुनाव आयोग ने इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।