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24 घंटे में जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी
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बीजद नेता पर भाजपा कार्यकर्ता से मारपीट का आरोप
भुवनेश्वर। संबलपुर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अनुगूल जिले में तीसरे चरण के मतदान के दौरान छेंदीपड़ा विधायक सुशांत बेहरा द्वारा एक भाजपा कार्यकर्ता पर किये गये हमले को लेकर चुनाव आयोग ने जांच का आदेश दिया है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी निकुंज बिहारी धाल ने रविवार को इस मामले की जांच का आदेश देते हुए 24 घंटे के भीतर कार्रवाई पर रिपोर्ट (एटीआर) मांगी है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने अनुगूल के जिलाधिकारी को रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
भाजपा ने बीजद नेता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। शनिवार को विधायक द्वारा कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला करने का वीडियो वायरल हो गया था। 25 मई को भाजपा के कानूनी प्रकोष्ठ के जयंत कुमार जेना ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को इस संबंध में शिकायत ईमेल भेजी थी। जेना ने विधायक के खिलाफ कथित दुर्व्यवहार का वीडियो साक्ष्य भी प्रस्तुत किया।
रिपोर्ट के अनुसार, जब मतदान चल रहा था, बीजद विधायक कथित रूप से कोसला पंचायत के सिमिलिसाही स्थित बूथ नंबर 84 के अंदर कुछ मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान, भाजपा कार्यकर्ता सिद्धार्थ शंकर साहू ने विधायक की। इस गतिविधि का कड़ा विरोध किया और उन पर बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगाया। गुस्से में आकर बेहरा और उनके समर्थकों ने कथित रूप से भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला कर दिया। हालांकि, विधायक की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी थी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी निष्पक्ष बनें – भाजपा
इधर, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष समीर मोहंती ने कहा कि राज्य में निष्पक्ष चुनाव के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निष्पक्ष होना चाहिए। राज्य में निष्पक्ष चुनाव संपन्न करवाने की जिम्मेदारी मुख्य निर्वाचन अधिकारी की है, लेकिन यहां कुछ और देखा जा रहा है। ‘समरथ को नहीं दोष गोसाईं’ की तर्ज पर यहां न्याय हो रही है। भाजपा प्रत्याशी प्रशांत जगदेव को ईवीएम तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है और जो दफाएं लगायी गईं हैं, उससे हम चकित हैं। उनका सीसीटीवी भी नहीं देखा जा रहा है। उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, लेकिन बीजद के छेंदीपड़ा विधायक सुशांत बेहरा द्वारा भाजपा कार्यकर्ता पर खुले आम पिटाई का वीडियो वायरल हो रहा है। भाजपा ने लिखित में उनके खिलाफ शिकायत की है, लेकिन उन्हें केवल नोटिस भेजकर छोड़ दिया गया है। यह किस प्रकार का न्याय है। बीजद कार्यकर्ता व नेताओं के खिलाफ सभी प्रमाण दिये जाने के बाद भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो रही है।
एएसआई के खिलाफ कार्रवाई नहीं
उन्होंने कहा कि हिंजिली के एक एएसआई के खिलाफ शिकायत आयी, लेकिन निर्वाचन अधिकारी ने उनका तबादला तक नहीं किया। उन्होंने कहा कि मुख्य चुनाव अधिकारी कार्रवाई कर अपनी निष्पक्षता का प्रमाण दें।