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कोर या उसके आसपास के बफर क्षेत्र नहीं नहीं हैं चपेट में
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सभी जानवर और बाघ सुरक्षित
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गुरुवार को पांच जगहों पर लगी है आग
बारिपदा। भीषण गर्मी के कारण सिमिलिपाल में जंगलों में आग लगी हुई है। हालांकि, जानवर और बाघ सुरक्षित हैं, क्योंकि आग कोर या उसके आसपास के बफर क्षेत्र तक नहीं पहुंची है। यह जानकारी पीसीसीएफ सुशांत नंद ने गुरुवार को दी।
एक ट्वीट में नंदा ने लिखा है कि सिमिलिपाल और उसके पास बाघों के लिए एक सुरक्षित आश्रय है। हमारे हरित सैनिक और ओड्राफ टीम जंगल की आग को दूर रखने के लिए प्रतिकूल परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। कोर या उसके निकटवर्ती बफर क्षेत्र का कोई भी भाग आग से प्रभावित नहीं होता है। सीमांत गांवों के निकट के इलाकों में आग देखी जा रही है। (एसआईसी)
नंद के मुताबिक, गुरुवार को 5 जगहों पर आग लगने की सूचना मिली है। अप्रैल महीने में कल तक सिमिलिपाल में 209 अग्नि केंद्र थे, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे कम है। यह लोगों के बीच जागरूकता, फायरलाइन के निर्माण और अग्निशमन दस्तों और ओड्राफ इकाइयों की तैनाती के कारण संभव हुआ है।
उन्होंने कहा कि बाघ ज्यादातर कोर और बफर क्षेत्रों के अंदर हैं और अब तक ये हिस्से सुरक्षित हैं। फिलहाल बड़े फायर प्वाइंट (4 किमी) का कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है। यह हमारे दस्तों द्वारा समय पर आग बुझाने की कार्रवाई के कारण संभव हुआ है।
उन्होंने बताया कि ओडिशा सरकार ने हमें स्पष्ट रूप से ओड्राएफ और अन्य इकाइयों के साथ निकट समन्वय में काम करने के लिए कहा था। इस साल बारिपदा में अभूतपूर्व गर्मी पड़ रही है और पारा 45 डिग्री के करीब है। ओड्राफ कर्मी ऐसी स्थितियों से निपटने में विशेषज्ञ हैं और हम आग बुझाने के लिए समय पर कदम उठा रहे हैं। राज्य सरकार ने प्रत्येक वन प्रभाग में अग्निशमन दस्तों के अलावा ओड्राफ की सात टीमों को तैनात किया है।
उन्होंने बताया कि चूंकि मई माह में गर्मी चरम पर होगी। इसलिए वन विभाग सतर्क है और वन क्षेत्रों के आसपास के लोगों को जागरूक कर रहा है। इसके अलावा, सिमिलिपाल में जंगल की आग से निपटने में वन विभाग की मदद के लिए एआई का उपयोग किया जा रहा है।
नंद के मुताबिक, एआई के जरिए शुरुआती सूचनाएं मिल रही हैं, जिससे हमें कार्रवाई करने और आग बुझाने में मदद मिल रही है। सिमिलिपाल अभयारण्य में विभिन्न स्थानों पर छह टावर-आधारित एआई सिस्टम स्थापित किए गए हैं। ये टावर 360-डिग्री मूवमेंट में सक्षम उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाले कैमरों से लैस हैं। ये दूर से धुएं या आग का पता लगा सकते हैं और अलर्ट भेज सकते हैं।
अलर्ट के आधार पर टीमें जीपीएस के माध्यम से स्थान तक पहुंच सकती हैं और आपातकालीन स्थितियों पर प्रतिक्रिया देने के लिए समय पर कार्रवाई की जा रही है।
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