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बीजद के नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन में पहनी लुंगी, तस्वीरें भी खिंचवाई
भुवनेश्वर। भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के नवीन पटनायक के लुंगी पहनावे को लेकर दिये गये बयान के बाद लुंगी पर राजनीति गरमा गयी है। मंगलवार को बीजद के दो नेता प्रधान के बयान की प्रतिक्रिया स्वरूप संवाददाता सम्मेलन में लुंगी पहनकर आ गये और तस्वीरें भी खिंचवाई। बीजद नेताओं के इस पहनावे को लेकर राजनीति गरम होने लगी है।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को बीजद मुख्यालय शंख भवन में एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इसमें यह असामान्य दृश्य सामने आया। इस दौरान पार्टी के प्रवक्ता स्वयं प्रकाश महापात्र और वरिष्ठ नेता सस्मित पात्र ने लुंगी पहनकर मीडिया को संबोधित किया और तस्वीरें भी खिंचवाईं।
इससे पहले मंगलवार को लाइकेरा में चुनाव प्रचार के दौरान संबलपुर से भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार धर्मेंद्र प्रधान ने नवीन पटनायक के वीडियो का जिक्र करते हुए आलोचनात्मक बयान दिया था।
प्रधान में नवीन पर दिया था बयान
वहां सभा को संबोधित करते हुए प्रधान ने कहा था कि आप सभी ने हमारे नवीन बाबू, जो एक बुजुर्ग व्यक्ति हैं, को लुंगी और जोड़ा शंख में देखा है। वहां एक गुमास्ता (घर का प्रबंधक) है, जो बहुत सारे काम करवा रहा है। कम से कम उन्हें नवीन बाबू जैसे बुजुर्ग व्यक्ति को पायजामा और कुर्ता पहनाना चाहिए। मेरे मन में नवीन बाबू जैसे बुजुर्ग व्यक्ति के लिए सम्मान है। क्या उन्हें (गुमास्ता) एक बुजुर्ग व्यक्ति के साथ ऐसा करना चाहिए था?
ऐसा माना जाता है कि बीजद पदाधिकारियों का संवाददाता सम्मेलन में लुंगी पहनकर आना केंद्रीय मंत्री का जवाब था।
बीजद ने साधा निशाना
प्रेस को संबोधित करते हुए बीजद नेता सस्मित पात्र ने कहा कि राज्य में हथकरघा क्षेत्र की अपनी अर्थव्यवस्था है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हथकरघा क्षेत्र और संबलपुरी लुंगी की आलोचना की है। उन्होंने ओडिशा और संबलपुर की संस्कृति को नुकसान पहुंचाया है।
भाजपा का पलटवार
इसके जवाब में भाजपा प्रवक्ता अनिल बिस्वाल ने कहा कि अगर बीजद किसी राजनीतिक मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री से सवाल करती है तो भाजपा उसका स्वागत करेगी। बीजद एक के बाद एक झूठे आरोप लगा रही है। लुंगी उनके लिए एक मुद्दा है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि 2024 का चुनाव ओड़िया अस्मिता (गौरव), ओड़िया संस्कृति, ओड़िया भाषा के मुद्दों पर लड़ा जाएगा। बीजद के पास ऐसे मुद्दों का मुकाबला करने का कोई नैतिक साहस नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि बिना सिर वाले मुर्गों की तरह बीजद नेता ऐसा व्यवहार कर रहे हैं।