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जैनकुल में जन्म होना भाग्य की बात – विदुषी श्री माता जी
कटक। कटक में सकल जैन समाज के द्वारा 24वें तीर्थंकर महावीर भगवान की 2623वीं जन्म जयंती महोत्सव बहुत ही धूमधाम के साथ मनायी गयी। दिन की शुरूआत दिगंबर जैन मन्दिर से सुबह 7 बजे से प्रभात फेरी के साथ हुई, जिसमें समाज की महिलाएं, पुरुष और बच्चों ने भाग लिया। उसके बाद जुलूस तेरापंथ भवन पहुंची, जहां दिगंबर साध्वी श्री 105 विदुषी श्री माताजी के पावन प्रवचन के साथ समाप्त हुआ।
आज प्रवचन के दौरान माताजी ने बताया की जन्म जयंती साधारण लोगों की होती हैं। जन्म कल्याणक उनका होता हैं, जो जन्म और मृत्यु पर विजय प्राप्त कर लेते हैं। महावीर भगवान ने ही अहिंसा परमो धर्म का नारा दुनिया को दिया और ये नारा आज की दुनिया की स्थिति को देख कर सबसे सार्थक लग रहा है। माताजी ने कहा की स्वाध्याय करना बहुत जरूरी है और स्वाध्याय को समझने के लिए गुरु की जरूरत पड़ती है।
विदुषी श्री माताजी का आज 27वां दीक्षा दिवस भी था। दिगंबर जैन समाज ने आज का दीक्षा दिवस कार्यक्रम भी बहुत धूमधाम से मनाया।
प्रवचन के पश्चात दिगंबर जैन युवा मंडल के द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया और चारो समाज के द्वारा कटक शहर के करीब 15 अनाथाश्रम, वृद्धाश्रम, दिव्यांग आश्रम में करीब 950 लोगों के लिए दोपहर में भोजन की व्यवस्था की गई थी। आगामी 28 अप्रिल को आचार्य हरिहर कैंसर हॉस्पिटल मे करीब 500 बच्चों को फूड पैकेट भी बांटने की योजना है।
आज के कार्यक्रम को सुचारु रूप से संपन्न करने में मंच संचालन अभिषेक धनावत ने किया। जुलूस व्यवस्था मनोज दुग्गड़, ऋषभ्, नरेश खटोड़, सुशील जैन, मनोज बाक्लीवाल, मुन्ना जैन इत्यादि के द्वारा संभाली गई। रक्तदान शिविर की संपूर्ण व्यवस्था दीपू, सोनू, रिया, यश, विधान और देवयांश इत्यादि के द्वारा रेडक्रॉस सोसाइटी के सहयोग से संपन्न हुई।