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वन्यजीवों का वीडियो ऑनलाइन पोस्ट करके पर्याप्त रकम कमाने का संदेह
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प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने ईडी को लिखा था पत्र
भुवनेश्वर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से सोशल मीडिया वीडियो के माध्यम से वन्यजीवों का शोषण करने के आरोपी दो यूट्यूबर्स के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) लागू करने का आग्रह किया गया है।
इन मामलों में ओडिशा के जाजपुर के दंपति – बद्री और मोनालिसा भद्रा और मिर्जा मोहम्मद आरिफ शामिल हैं। दोनों पर अपनी गतिविधियों से पर्याप्त रकम कमाने का संदेह है।
बताया गया है कि इससे पहले जाजपुर जिले में यूट्यूबर दंपति के खिलाफ पहले ही एक मामला दर्ज किया गया है। इस पर संरक्षित प्रजाति के लंगूर को कथित तौर पर पालतू बनाने और इसके वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा करने का आरोप लगा है।
इसी तरह, मिर्जा मोहम्मद आरिफ नामक व्यक्ति को मार्च में संरक्षित वन्यजीव जानवरों का शिकार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसके खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 9, 39 का उल्लंघन का आरोप था।
इधर, मीडिया को दिये गये बयान में आईएफएस अधिकारी और प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) सुशांत नंद ने बताया कि दोनों मामलों में यह पाया गया है कि यूट्यूबर्स के लाखों फॉलोअर्स हैं।
नंद ने कहा कि ऐसा संदेह है कि उन्होंने बहुत पैसा कमाया है और इसलिए हमने प्रवर्तन निदेशालय को लिखा था, क्योंकि यह वित्तीय पहलुओं की जांच करने के लिए उपयुक्त एजेंसी है।
ईडी को लिखे आधिकारिक पत्र में कहा गया है कि दोनों मामलों में आरोपी व्यक्तियों को यूट्यूब या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से राजस्व के रूप में मोटी रकम (अपराध की आय) प्राप्त होने का संदेह है। ऐसी स्थिति में इनके खिलाफ जांच की आग्रह की गयी है।