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Baleshwar-BJD

बालेश्वर में बीजद के के भीतर अंदरूनी कलह उभरी

  • टिकट के लिए कई दावेदार आ रहे हैं सामने

  • बाहर से आने वाले नेताओं और टिकट के दावेदार में टकराव की स्थिति

बालेश्वर। ओडिशा में होने वाले लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा के चुनाव से पहले बालेश्वर में बीजू जनता दल (बीजद) के भीतर अंदरूनी कलह उभर कर सामने आयी है। यहां टिकट कई दावेदारों अपनी ताल ठोंकी है। इसके परिणामस्वरूप पार्टी को तीन विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों का चयन करने में दुविधा और देरी हुई है।

बताया जाता है कि बाहर से आने वाले नेताओं और टिकट के दावेदार में टकराव की स्थिति है। हालात ऐसे हैं कि नीलगिरि में बीजद दो खेमों में बंट गई है। मौजूदा विधायक सुकांत नायक भाजपा छोड़कर बीजद में शामिल हो गए हैं। इस कारण पार्टी के टिकट की उम्मीद के साथ लंबे समय से पार्टी संगठन की देखभाल कर रहे बीजद नेता संतोष खटुआ आक्रामक हो गए हैं। इधर, सत्तारूढ़ दल भोगराई और रेमुना सीटों पर भी उम्मीदवार तय नहीं कर पा रहा है।

पार्टी के दो कार्यालय खुले

हालात ऐसे हो गये हैं कि पार्टी के दो कार्यालय खुल गये हैं। मौजूदा विधायक सुकांत नायक और संतोष खटुआ के बीच राजनीतिक कड़वाहट के कारण दोनों नेताओं ने पार्टी इन दोनों कार्यालयों को खोल रखा है। रथडंडा पर नायक ने कार्यालय खोला है, जबकि खटुआ का कार्यालय महिला कॉलेज के पास है।

मुख्यमंत्री जो भी कहेंगे, मैं स्वीकार करूंगा – सुकांत

इस बीच बीजद नेता सुकांत नायक ने कहा है कि मैं बीजद के कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देता हूं। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक मुझसे जो भी कहेंगे, मैं स्वीकार करूंगा।

समानांतर बैठकें और रैलियां

उल्लेखनीय है कि 2019 के चुनाव में सुकांत ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और बीजद उम्मीदवार खटुआ को हराया था। खटुआ का खेमा अब खुलेआम नायक का विरोध कर रहा है और कई बार नायक पर कटाक्ष भी करता है। दोनों नेता समानांतर बैठकें और रैलियां कर रहे हैं।

पानी और तेल एक साथ नहीं चल सकते

हाल ही में एक बैठक में खटुआ ने अपना असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि पानी और तेल एक साथ नहीं चल सकते। उन्होंने सुलह की कम संभावनाओं के बारे में पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है। नीलगिरी में बीजद समर्थक ने कहा कि कार्यकर्ता दुविधा में हैं। जिसे भी टिकट मिलेगा, उसे हमारा समर्थन मिलेगा।

भोगराई सीट पर कई दावेदार

सत्तारूढ़ दल की स्थिति भोगराई विधानसभा की सीट पर भी ऐसी स्थिति बनी हुई है। यहां मौजूदा विधायक अनंत दास अपनी उम्र के कारण चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं हैं। वह चाहते हैं कि पार्टी इस बार उनके बेटे अभिजीत दास को टिकट दे। अनंत दास ने कहा कि मैंने अपने लिए टिकट नहीं मांगा। मैंने उनसे कहा कि मेरे बेटे को टिकट दें। हम उनके आश्वासन पर आस लगाये बैठे हैं। लेकिन ऐसी योजना का बीजद की जिला इकाई के उपाध्यक्ष भुवनानंद दास और पत्रकार से नेता बने गौतम बुद्ध दास विरोध कर रहे हैं।

बाहर के नेता को स्वीकार नहीं

भुवनानंद ने कहा कि हमारी ब्लॉक कमेटी ने एक अनुभवी और सक्षम नेता को टिकट देने का फैसला किया है जो संगठन में हैं। लोग पार्टी संगठन के बाहर के नेता को स्वीकार नहीं करेंगे। हमने यह बात अपने जिला पर्यवेक्षक प्रताप देव को बता दी है। इधर, गौतम बुद्ध दास ने कहा कि पार्टी ने अतीत में मुझे जो जिम्मेदारियां सौंपी हैं, मैंने उनका निर्वहन किया है। अगर मुख्यमंत्री भोगराई की जिम्मेदारी देते हैं, तो मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा।

रेमुना सीट पर दो नेताओं की नजर

रेमुना विधानसभा सीट एससी के लिए आरक्षित सीट है। कुछ महीने पहले कृषि उपकरणों की बिक्री में घोटाले के आरोप में मौजूदा विधायक सुधांशु शेखर को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। ऐसे में पार्टी के दो नेता सांता दास और दीपक परिडा इस सीट से टिकट की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

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