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भारतीय चुनाव आयोग ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए की विशेष व्यवस्था
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ओडिशा में 302,248 है 85 साल से अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या
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40 फीसदी के बेंचमार्क की दिव्यांग श्रेणी में ओडिशा में कुल 522,805 मतदाता
भुवनेश्वर। ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक और 40 फीसदी के बेंचमार्क विकलांगता वाले दिव्यांग लोग अब अपने घरों से ही मतदान कर पायेंगे।
भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बुजुर्गों और विकलांग व्यक्तियों के लिए घर से मतदान करने की व्यवस्था की है।
एक आंकड़े के अनुसार, देशभर में 85 वर्ष से अधिक आयु के 81 लाख से अधिक मतदाता और लगभग 90 लाख दिव्यांग मतदाता इस पहल से लाभान्वित हो सकते हैं।
चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, ओडिशा में 85 से अधिक मतदाताओं की संख्या 302,248 है। इनमें 140,117 पुरुष, 162,128 महिलाएं और 3 उभय लिंग के व्यक्ति शामिल हैं।
इसी तरह से दिव्यांग श्रेणी में ओडिशा में 522,805 मतदाता हैं, जिनमें 297,514 पुरुष, 225,242 महिलाएं और 49 उभय लिंग के मतदाता हैं।
होम वोटिंग सुविधा ऐसे करेगी काम
इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए चुनाव अधिसूचना के पांच दिनों के भीतर पात्र मतदाताओं को फॉर्म 12डी पूरा करना होगा और इसे रिटर्निंग ऑफिसर के पास जमा करना होगा। दिव्यांग मतदाताओं को अपने आवेदन के साथ एक आधारभूत विकलांगता प्रमाणपत्र जमा करना होगा। आवश्यक दस्तावेज पूरे होने के बाद बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) मतदाता के निवास स्थान से फॉर्म 12डी प्राप्त करने के लिए जिम्मेदार हैं।
जवाबदेही और पारदर्शिता पर जोर
जवाबदेही और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के सभी उम्मीदवारों को इन मतदाताओं की एक सूची प्राप्त होती है। यदि वे चाहें तो प्रक्रिया की निगरानी के लिए एक प्रतिनिधि चुन सकते हैं।
कर्मचारियों के आने से पहले मिलेगी सूचना
बताया गया है कि एक बार फॉर्म 12डी जमा करने के बाद चुनावकर्मियों के घर आने से पहले मतदाताओं को पहले सूचित किया जायेगा, जिससे लोग अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए तैयार रह सकें। मतदाता उन दिनों के बारे में एसएमएस के माध्यम से सूचनाएं प्राप्त कर सकते हैं, जब उनके घर पर मतदान की सुविधा सक्रिय होगी।
मतदान की प्रक्रिया की होगी वीडियोग्राफी
बताया गया है कि सुरक्षा अधिकारियों के साथ मतदान अधिकारियों की एक समर्पित टीम मतदाताओं के वोट एकत्र करने के लिए उनके आवास पर जाएगी। इस दौरान पारदर्शिता के लिए घर पर मतदान की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी।
पहले और दूसरे चरण के वोटिंग शुरू
पहले और दूसरे चरण के मतदान के लिए 85 वर्ष से अधिक उम्र और दिव्यांग श्रेणियों के मतदाताओं ने पहले ही वोट डालना शुरू कर दिया है। चुनाव आयोग के अनुसार, राजस्थान के चुरू में एक ही परिवार के 8 दिव्यांग व्यक्तियों ने घर से वोट डाला।
छत्तीसगढ़ में आदिवासी जिले बस्तर और सुकमा में 87 वर्षीय इंदुमती पांडेय और 86 वर्षीय सोनमती बघेल ने इस सुविधा का लाभ उठाया है।
महाराष्ट्र में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) से प्रभावित क्षेत्र गढ़चिरौली जिले के सिरोंचा शहर में दो बुजुर्ग मतदाताओं को घर पर मतदान की सुविधा प्रदान करने के लिए मतदान टीमों ने 107 किमी की दूरी तय की।