कोरापुट। भारत के विकसित परिदृश्य में सांख्यिकी की महत्वपूर्ण भूमिका पर विचार-विमर्श करने के लिए ओडिशा केंद्रीय विश्वविद्यालय के सांख्यिकी विभाग में “उभरते भारत में सांख्यिकी की भूमिका एट 2047 : एक बहुविषयक दृष्टिकोण” पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई है। कोरापुट में ओडिशा केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रख्यात हस्तियां और विद्वान इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए एक साथ मंच पर दिखे।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो चक्रधर त्रिपाठी ने कार्यक्रम का उद्घाटन और अध्यक्षता की। इस अवसर पर कुलसचिव (आई/सी) प्रो एनसी पंडा मुख्य अतिथि थे। प्रो एसबी बाग्ची, बर्दवान विश्वविद्यालय, कोलकाता के पूर्व प्रोफेसर; डॉ ताप्ती बाग्ची, आशुतोष कॉलेज, कोलकाता की पूर्व प्रमुख; पांडिचेरी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर तिरुपति राव पाडी; दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर रंजीता पांडेय और उत्कल विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर के प्रोफेसर प्रियरंजन दास ने मंच पर अपने विचार रखे।
प्रो त्रिपाठी ने भारतीय ज्ञान ढांचे में सांख्यिकी के महत्व पर जोर दिया और विभाग से भारतीय शिक्षा और विकास में योगदान करने का आग्रह किया। प्रो पंडा ने भारतीय सांख्यिकी प्रणाली पर प्रकाश डाला, जबकि प्रोफेसर बागची ने भारत के आंकड़ों के इतिहास और शैक्षिक पहलुओं की विस्तृत समीक्षा की। प्रोफेसर पाडी ने विभिन्न क्षेत्रों में सांख्यिकी के विविध अनुप्रयोग और महत्व पर प्रकाश डाला, जबकि प्रो पांडेय ने सांख्यिकी और संभावना की अवधारणाओं को स्पष्ट रूप से रेखांकित किया।
प्रो प्रियरंजन दास ने भारत में स्वतंत्रता-पूर्व युग से समकालीन युग तक सांख्यिकी के ऐतिहासिक प्रक्षेपवक्र और देश के उद्भव में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला। सांख्यिकी विभाग के प्रमुख डॉ गुरजीत सिंह वालिया ने कार्यक्रम में भाग लेने वाले शिक्षकों, विद्वानों और छात्रों का स्वागत किया और विचारों और ज्ञान के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित किया। यह जानकारी विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. फगुनाथ भोई ने दी।