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ओडिशा की स्पेशल टास्क फोर्स ने जांच के दौरान आरोपियों को धर-दबोचा
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छत्रपुर के एसडीएम की दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर हुई गिरफ्तारी
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300 से अधिक सरकारी अधिकारियों से मोटी रकम मांगने का आरोप
भुवनेश्वर। ओडिशा की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने रविवार को ओडिशा और झारखंड में रूप बदलकर जबरन वसूली करने वाले सक्रिय रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया है। इस मामले में दो फर्जी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है।
आरोपियों की पहचान तारिनीसेन महापात्र (30) और ब्रह्माशंकर महापात्र (27) के रूप में हुई है, जो ढेंकानाल जिले के रहने वाले हैं। दोनों आरोपी भाइयों पर प्रवर्तन निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारियों का रूप धारण करने और 300 से अधिक सरकारी अधिकारियों से मोटी रकम मांगने का आरोप है।
आरोपियों को प्रवर्तन निदेशालय के अतिरिक्त निदेशक बनकर एक व्यक्ति द्वारा पैसे की मांग के संबंध में उपजिलाधिकारी-सह-एसडीएम, छत्रपुर द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया गया है।
बताया गया है कि जांच के दौरान पता चला है कि आरोपी भाई विलासितापूर्ण जीवन जी रहे थे और उन्होंने ढेंकानाल शहर क्षेत्र में अपने इलाके से भारी पैसा उधार लिया था। जब कर्जदारों ने उन पर पैसे लौटाने का दबाव डाला, तो दोनों भाई ढेंकानाल छोड़कर झारखंड के रांची चले गए और वहां 10,000 रुपये प्रति माह पर किराए के मकान में रहने लगे। इसके बाद आरोपी ने एक एनजीओ के साथ काम करना शुरू कर दिया, लेकिन पिछले एक साल से किसी कारणवश एनजीओ ठीक से काम नहीं कर रहा था।
एसटीएफ अधिकारियों के अनुसार, आरोपी भाइयों ने खुद को प्रवर्तन निदेशालय, भुवनेश्वर के अतिरिक्त निदेशक के रूप में प्रस्तुत करके सरकारी अधिकारियों, तहसील, कलेक्ट्रेट, आरटीओ आदि के अधिकारियों को धोखा देने की योजना बनाई थी।
एसटीएफ ने कहा कि उन्होंने विशेष रूप से विभिन्न ईडी छापों के बारे में वर्तमान प्रचलित समाचार कवरेज के कारण ईडी को चुना। उन्होंने ईडी से संबंधित सभी समाचार लेखों को देखा और अध्ययन किया ताकि वे सरकारी अधिकारियों को डराने और उगाही करने के लिए अच्छी तरह से नकल कर सकें। आरोपी कंप्यूटर संचालन में बहुत अच्छे हैं और उन्होंने फर्जी दस्तावेज, लेटरहेड, क्लीयरेंस लेटर और लोगो समेत अन्य चीजें बनाईं।
एसटीएफ ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि आरोपियों ने सरकारी अधिकारियों से उनके फोनपे और गूगलपे वॉलेट से पैसे प्राप्त किए। अब तक एसटीएफ ने 16 लाख रुपये से अधिक के लेनदेन या भुगतान का पता लगाया है।