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सैकड़ों साल की परंपरा टूटी, चंदन तालाब में नहीं हुई जगन्नाथ भगवान की चंदन यात्रा

  • लाकडाउन के कारण श्री मंदिर परिसर में आयोजित की विधि

विष्णुदत्त दास, पुरी

इस साल कोरोना को लेकर जारी लाकडाउन में पाबंदी के चलते भगवान श्री जगन्नाथ जी की परंपरा के अनुसार चंदन यात्रा चंदन तालाब में नहीं हो पायी. सैकड़ों साल से चली आ रही परम्परा से हटकर आज यह नीति हुई.

आज श्री मंदिर परिसर में भगवान जी की चंदन यात्रा के लिए मुक्ति मंडप के पास में स्थित जल क्रीड़ा मंडप में दो अन्य कुंड तैयार किये गये. उसके बाद में मदन मोहन, रामकृष्ण, भूदेवी श्रीदेवी दक्षिण घर से पंच पांडव लोकनाथ, मार्केंडे, कपाल मोचन, नीलकंठ, जंभेश्वर इन महादेव को इस मंडप में लाये गये. पहले से तैयार कुंड में चंदन पानी में परंपरा के अनुसार, स्नान नीति की गयी.

यह रिवाज इस तरह 21 दिन तक चलेगी. यह एक ऐतिहासिक दिन है, जब श्रीमंदिर में पहली बार चंदन यात्रा हुई. यह नीति जगद्गुरु शंकराचार्य जी के मार्गदर्शन पर की जा रही है. अक्षय तृतीया से शुरू हुई यह यात्रा भगवान जी को गर्मी से राहत पाने के लिए की जाती है, जो 21 दिनों तक चलती है. आज सभी सेवायतों ने प्रशासन को सहयोग प्रदान किया. श्री मंदिर में चंदन यात्रा होने के कारण चंदन तालाब में अर्धनिर्मित नौका खाली पड़ा था.

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