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अरविंद महापात्र ने बीजद का थामा दामन
भुवनेश्वर। आम चुनाव से पहले एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में भाजपा नेता विजय महापात्र के बेटे अरविंद महापात्र ने बीजू जनता दल (बीजद) में शामिल होकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। अरविंद भुवनेश्वर स्थित नवीन निवास में पार्टी सुप्रीमो नवीन पटनायक से मुलाकात कर बीजद में शामिल हुए।
बीजद में शामिल होने के बाद महापात्र ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मैं साल 2019 से पाटकुड़ा के लोगों की सेवा कर रहा हूं। मुझे लगा कि मुझे एक मंच की जरूरत है, जहां से मैं क्षेत्र के विकास में योगदान दे सकूं। मैंने पाटकुड़ा के मतदाताओं से चर्चा की और यह निर्णय लेने से पहले अपने पिता का आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि मैं बीजद के साथ लोगों की सेवा करने का अवसर देने के लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को धन्यवाद देना चाहता हूं। मुझे आशा है कि मैं पाटकुड़ा के विकास को एक पायदान ऊपर ले जाऊंगा।
यहां यह उल्लेखनीय है कि केंद्रापड़ा में पाटकुड़ा उनके पिता विजय महापात्र का राजनीतिक घरेलू मैदान है। उन्हें ओडिशा की राजनीति का दिग्गज माना जाता है। वह बीजू जनता दल (बीजद) के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और दिवंगत सीएम बीजू पटनायक के चहेते हैं। बीजू पटनायक के समय में वे इतने ताकतवर हो गये थे कि उन्हें सुपर मुख्यमंत्री कहा जाने लगा था।
हालांकि, बीजू पटनायक के बाद बीजद में उनकी साख गिर गई और साल 2000 में विजय महापात्र को चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था। उन्हें पाटकुड़ा से टिकट देने से इनकार कर दिया गया, जहां से बीजद के अतनु सब्यसाची नायक ने चुनाव लड़ा था।
साल 2004 में ओडिशा गण परिषद के उम्मीदवार के रूप में विजय पाटकुड़ा में अतनु से हार गए। साल 2009 में वह भाजपा उम्मीदवार के रूप में पाटकुड़ा से मैदान में उतरे तथा बीजद के प्रकाश अग्रवाल से हार गए। साल 2014 में विजय फिर से महाकालपाड़ा से अतनु सब्यसाची नायक से हार गए और 2019 में उन्हें फिर से बीजद की साबित्री अग्रवाल से हार मिली।
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