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Nayagarh नयागढ़ में कंगारू कोर्ट ने दंपति को किया गांव बदर

नयागढ़ में कंगारू कोर्ट ने दंपति को किया गांव बदर

  • आग और पानी के प्रयोग पर लगाई रोक

  • नुआगांव पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज

  • मामला सुलझाने में जुटी पुलिस

नयागढ़। नयागढ़ जिले के नुआगांव थानांतर्गत बड़बराना गांव में आयोजित एक कंगारू कोर्ट ने एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और उसके पति को बहिष्कृत कर दिया। खबरों के अनुसार, कंगारू अदालत ने उनके खिलाफ घरेलू विवाद का फैसला सुनाए जाने के बाद दंपति रोजलिन मोहंती और उनके पति पीतावास को गांव में आग और पानी जैसे संसाधनों का उपयोग करने से रोक लगा दिया गया।

दंपति ने आरोप लगाया कि पितावास के माता-पिता के साथ उनके घरेलू विवाद को कंगारू अदालत में ले जाया गया और अदालत ने दोनों के खिलाफ फैसला सुनाया और उन्हें गांव से बाहर निकाल दिया। कंगारू कोर्ट ने बच्चों को गांव के आंगनवाड़ी केंद्र में कक्षाओं में भाग लेने से भी रोक दिया, क्योंकि रोजालिन वहां काम करती है।

रोजालिन ने कहा कि 16 दिसंबर, 2023 को हमारे परिवार में झगड़ा हुआ था। आंगनबाड़ी सहायिका रूपाली अपराजिता मोहंती और उनकी सास बीनापाणी मोहंती सहित कुछ प्रभावशाली ग्रामीणों ने हमारे घरेलू विवाद को लेकर हमें बहिष्कृत कर दिया। उन्होंने बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र से खाना लेने से भी रोक दिया है, क्योंकि मैं वहां काम करती हूं।

रोजलिन के पति पीतावास मोहंती ने कहा कि हमारे घरेलू झगड़े के दिन, गांव वालों ने मेरे माता-पिता का साथ देने के बदले में उन्हें मदद की पेशकश की। गांव वालों ने भी मेरे माता-पिता से हमारे साथ सभी रिश्ते तोड़ने के लिए कहा। उन्होंने मुझे और मेरी पत्नी को बहिष्कृत कर दिया। उन्होंने बच्चों को पढ़ाई के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में आने से भी रोक दिया।

इस घटना के खिलाफ दंपति ने नयागढ़ जिले के नुआगांव पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन उनका आरोप है कि पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।

कथित बहिष्कार और पुलिस शिकायत के बारे में पूछे जाने पर नयागढ़ जिले के नुआगांव पुलिस आईआईसी, नारायण चंद्र लेंका ने कहा कि इस संबंध में एक मामला दर्ज किया गया है। जहां तक आंगनबाड़ी केंद्र की बात है तो बीडीओ की निगरानी में सीडीपीओ से पता कराया जा रहा है कि बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र में क्यों नहीं आ रहे हैं।

लेंका ने कहा कि हमने इस संबंध में जांच शुरू कर दी है, लेकिन हम बातचीत से मसले को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। हमने गांव के नेताओं और परिवार को बुलाया है और उन्हें आपस में समझौता कराने की कोशिश कर रहे हैं। हम गांव में सौहार्द चाहते हैं। लेंका ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि सभी विवाद जल्द ही सुलझ जाएंगे।

इस खबर को भी पढ़ेंः-ओडिशा में बीजद-भाजपा गठबंधन तय, 12 को हो सकती है घोषणा

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