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हाईकोर्ट ने बीजद विधायक की याचिका पर सुनाया फैसला
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अगले चुनाव तक कटक-बारबाटी विधायक पद रिक्त घोषित
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अब पूर्व विधायक भी नहीं कहे जा सकते हैं मुकीम
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फैसला कांग्रेस के लिए झटका नहीं – शरत पटनायक
भुवनेश्वर। उड़ीसा उच्च न्यायालय ने 2019 में नामांकन दाखिल करने के दौरान हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामलों के बारे में विस्तृत जानकारी देने में कथित रूप से विफल रहने के लिए कटक-बारबाटी कांग्रेस विधायक मोहम्मद मुकीम का चुनाव सोमवार को रद्द कर दिया।
जस्टिस संगम कुमार साहू को लेकर गठित खंडपीठ ने यह निर्णय सुनाया है। अदालत ने 3 जुलाई, 2019 को बीजद नेता देवाशीष सामंतराय द्वारा दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया, जिन्होंने शिकायत की थी कि घोषणा पत्र में निर्धारित कुछ कॉलम मुकीम द्वारा हटा दिए गए थे, जिसके लिए एक उम्मीदवार के खिलाफ सभी आपराधिक मामलों की घोषणा करने की आवश्यकता होती है।
अपने चुनाव को अमान्य घोषित करने और चुनाव आयोग से दोबारा चुनाव कराने का निर्देश देने की मांग करते हुए याचिका में आगे कहा गया है कि मुकीम ने अपनी संपत्ति और देनदारियों के बारे में भी सही तथ्यों का खुलासा नहीं किया है। हाईकोर्ट ने चुनाव मामले में विचार के लिए 36 मुद्दे तय किए थे। अदालत के फैसले ने प्रभावी रूप से कटक-बारबाटी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र को अगले चुनाव तक खाली कर दिया है। 2019 में मुकीम का पिछला चुनाव रद्द होने का मतलब है कि उन्हें पूर्व विधायक भी नहीं कहा जा सकता। हालांकि, वह हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए हमेशा सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं। यहां यह उल्लेखनीय है हाईकोर्ट ने भविष्य के चुनावों में उनकी उम्मीदवारी पर कोई टिप्पणी नहीं की है। पहली बार विधायक बने मुकीम ने पहले एक अंतरिम आवेदन दायर किया था, जिसमें मामले के गुण-दोषों पर विचार किए बिना कार्रवाई के कारण के अभाव में चुनाव याचिका को पूरी तरह से खारिज करने की मांग की गई थी। हालांकि, कोर्ट ने 20 जून 2022 को कांग्रेस विधायक की याचिका खारिज कर दी थी।
29 सितंबर, 2022 को विशेष सतर्कता न्यायालय, भुवनेश्वर ने ओएचआरडीसी ऋण घोटाले में मुकीम को दोषी ठहराया और 50,000 रुपये के जुर्माने के साथ तीन साल की कैद की सजा सुनाई। हालांकि, उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी थी और परिणामस्वरूप सजा के निष्पादन पर रोक लगा दी थी, साथ ही जुर्माना भी लगाया था।
मुकीम की विधायकी को अवैध घोषित किये जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शरत पटनायक ने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा मोहम्मद मुकीम को लेकर दिया गया फैसला कांग्रेस के लिए झटका नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले में हाईकोर्ट के बाद निर्णय के खिलाफ ऊपरी कोर्ट जाने का समय है। मुकीम से चर्चा के बाद इस बारे में आगे की कार्रवाई की जाएगी।