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कैबिनेट ने स्वयं नामक योजना को दी मंजूरी
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आवेदक का परिवार कालिया या बीएसकेवाई योजनाओं के तहत होना चाहिए कवर
भुवनेश्वर। लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पूर्व ओडिशा कैबिनेट ने राज्य में बेरोजगार युवाओं को ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करने के लिए एक स्वयं नामक योजना को मंजूरी दे दी। इसकी जानकारी देते हुए मुख्य सचिव पीके जेना ने कहा कि इस योजना के तहत राज्य सरकार ओडिशा के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में 18-35 वर्ष की आयु के बेरोजगार युवाओं को 1 लाख रुपये तक ब्याज मुक्त बैंक ऋण प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि बेरोजगार युवाओं को नया व्यवसाय शुरू करने या मौजूदा व्यवसाय का विस्तार करने के लिए बैंक ऋण प्रदान किया जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए आवेदक का परिवार राज्य सरकार की कालिया या बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना (बीएसकेवाई) योजनाओं के तहत कवर होना चाहिए और उसकी वार्षिक आय 2 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। राज्य सरकार ने दो वर्षों में कम से कम 1 लाख ग्रामीण युवाओं को इस योजना के तहत कवर करने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए वह 448 करोड़ रुपये खर्च करेगी। राज्य सरकार ओडिशा के शहरी क्षेत्रों में बेरोजगार शहरी युवाओं को स्वरोजगार उद्यम या सूक्ष्म उद्यम स्थापित करने के लिए ऋण प्रदान करेगी। मुख्य सचिव ने कहा कि दिशानिर्देशों के अनुसार, आवेदक का परिवार बीएसकेवाई योजना के तहत कवर होना चाहिए और उसकी वार्षिक आय 3 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार योजना को लागू करने के लिए ब्याज छूट और गारंटी शुल्क के लिए 224 करोड़ रुपये आवंटित करेगी।
बौध और सोनपुर में महानदी पर दूसरे पुल को मंजूरी
ओडिशा सरकार ने बौध और सोनपुर जिले के बीच सड़क संचार को बढ़ावा देने के लिए महानदी पर दूसरा उच्चस्तरीय (एचएल) पुल बनाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल ने पुल परियोजना के लिए निविदा को मंजूरी दे दी। प्रस्तावित पुल बौध जिले के बाउंसुनी और सोनपुर जिले के बीरमहाराजपुर को जोड़ेगा। टेंडर में सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी आरकेडी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड पुल का निर्माण करेगी। इस प्रोजेक्ट पर राज्य सरकार 105,70,99,350 रुपये खर्च करेगी। इस परियोजना को 36 महीने के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
वोट हथियाने का प्रयास – भाजपा
इधर, भाजपा प्रवक्ता अनिल बिस्वाल ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की एक और योजना को हाईजैक करने की कोशिश की है। यह योजना आम चुनाव 2024 से पहले केवल युवाओं को पूर्वाग्रहित करने और वोट हथियाने के लिए शुरू की जाएगी। वह उन्होंने कहा कि सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट में अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक ऋण देने का प्रावधान है। इसके बजाय, राज्य सरकार ने इसे केवल 1 लाख रुपये तक सीमित कर दिया है। इसके अलावा सत्तारूढ़ दल अपनी बात रखने में विफल रहा है। साल 2009, 2014 और 2019 के आम चुनावों के दौरान अपने घोषणापत्र में बीजद के नेतृत्व वाली सरकार ने लगभग 56 लाख बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने की प्रतिबद्धता जताई थी, जिसे बाद में पूरा नहीं किया गया। हाल ही में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के प्रत्येक लाभार्थी को 1,000 रुपये की सहायता की घोषणा की गई, जो एक तरह से संभावित मतदाताओं को ‘रिश्वत’ है।