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राज्य में दुकानें खोलने को लेकर सरकार ने जारी किया निर्देश
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मयूरभंज के लिए पश्चिम बंगाल बना चिंता का विषय
भुवनेश्वर. लाकडाउन के समय दुकानें खोलने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा सशर्त विज्ञप्ति जारी करने के बाद राज्य सरकार ने भी इस बाबत विज्ञप्ति जारी की है. इस विज्ञप्ति के अनुसार, आज से राज्य में कुछ गैर अत्यावश्यक सामग्री की दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें रखी गई है. दुकान खुलने के बाद भी 50 प्रतिशत कर्मचारी ही काम कर सकेंगे. सभी मास्क पहनने के लिए बाध्य हैं. शापिंग माल या शापिंग कांप्लैक्स नहीं खोले जा सकेंगे. इसमें स्पष्ट किया गया है कि हाट स्पाट या कंटेनमेंट जोन में पूर्व की भांति दुकानें नहीं खुली जा सकेंगी. कौन सी दुकानें खुलेंगी इस बारे में जिलाधिकारी व कमिश्नर निर्णय करेंगे.
राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार ये दुकानें खुलेंगी – शाप एंड एस्टाब्लिशमेंट एक्ट में पंजीकृत दुकानें, शहरी निकाय के बाहर स्थित रेसिडेन्शिलय कांप्लेक्स व मार्किट कांप्लेक्स में स्थित दुकानें व आसपास के बाजारों में दुकानें, ग्रामीण इलाकों में समस्त पंजीकृत दुकानें, मल्टी ब्रांडिंग या सिंगल ब्रांडिग माल नहीं खोले जा सकेंगे.
मयूरभंज के लिए पश्चिम बंगाल बना चिंता का विषय
मयूरभंज जिला के लिए अभी पश्चिम बंगाल चिंता का विषय बन गया है. राज्य में पश्चिम बंगाल से आने वालों के कारण कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इसके साथ केंद्र स्वास्थ्य मंत्रालय की सूचना ने चिंता को और भी बढ़ा दी है. गृह मंत्रालय की जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल के 7 जिलाें जैसे कि कोलकाता, हावड़ा, उत्तर 24 परगना, दार्जिलिंग, जलपाइगुड़ी, कालिंपोंग और मेदिनीपुर की स्थिति काफी संगीन है. मयूरभंज की सीमा मेदिनीपुर लगी है. जिला के मोरड़ा ब्लक अंतर्गत पलाशमुंडली पंचायत के कांजिआमुंडा, टुकुपलाशिआ, चिकिटामाटिआ पंचायत के खुंटापाल, भातछत्तर, ब्राह्मणमरा एवं नूहाझालिआ पंचायत के धिरेइडीही, बड़शोल आदि गांव पडोसी पश्चिम बंगाल राज्य की सीमा से सटे हुए हैं. वहां से लोग पैदल, साइकिल या बाइक से आ सकते हैं. इसी तरह अन्य गांवों से भी लोग सामान्य तरीके से आ सकते हैं, जिनकी पहचान करना आसान नहीं होगा.