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राजनीतिक विवाद को शांत करने की कोशिश की
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कहा- श्री मंदिर जाने के पीछे मेरा उद्देश्य था भगवान श्री जगन्नाथ का आशीर्वाद लेना और लोगों के साथ ढांचागत विकास के बारे में जानकारी साझा करना
भुवनेश्वर। नवीन ओडिशा तथा 5-टी चेयरमैन वीके पांडियन के साथ पुरी श्री जगन्नाथ मंदिर की यात्रा के बाद ओडिशा में खड़ा हुए राजनीतिक विवाद को शांत करने की कोशिश करते हुए कामिया जानी ने इंस्टाग्राम पर एक स्पष्टीकरण जारी किया है।
यह स्पष्टीकरण तब आया है, जब राजनीतिक दलों और कई धार्मिक संगठनों ने सोशल मीडिया प्रभावशाली कामिया जानी की श्री मंदिर की यात्रा पर सवाल उठाते हुए प्रदर्शन किया तथा ओडिशा सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह गोमांस को बढ़ावा देने वाली हैं।
कांग्रेस ने शनिवार को जहां मुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण की मांग की, वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि पुरी श्रीमंदिर में पवित्रता का उल्लंघन बेहद परेशान करने वाला है।
इसके अलावा, वीके पांडियन द्वारा प्रतिष्ठित श्री जगन्नाथ मंदिर के अंदर एक गोमांस प्रचारक को अनुमति देना धर्म, इतिहास और आध्यात्मिकता की उपेक्षा है। सिंह ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर लिखा था कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों के लिए तत्काल और गंभीर कार्रवाई आवश्यक है।
इसके बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किए गए अपने स्पष्टीकरण में जानी ने कहा है कि पुरी श्री जगन्नाथ मंदिर की यात्रा के पीछे मेरा उद्देश्य भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद लेना और लोगों के साथ ढांचागत विकास के बारे में जानकारी साझा करना था, लेकिन दुर्भाग्य से मेरी यह यात्रा विवादास्पद हो गई। मैं समझती हूं कि मंदिर अधिकारियों के कुछ नियम हैं और मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि मैंने कोई नियम नहीं तोड़ा है।
वीडियो में जानी ने आगे कहा है कि मैं एक हिंदू हूं और मैंने कभी भी गोमांस का सेवन या प्रचार नहीं किया है। एक खाद्य ब्लॉगर के रूप में मैंने लोगों को स्थानीय व्यंजनों के बारे में जानकारी दी है और केरल वीडियो में यही हुआ जिसके स्क्रीनशॉट का उपयोग किया गया था।
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने स्थिति को और स्पष्ट करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि कुछ गलतफहमी हो सकती है और यह स्पष्टीकरण ऐसी गलतफहमियों को खत्म करने के लिए है।
भाजपा ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
हालांकि, जानी का स्पष्टीकरण ओडिशा भाजपा को पसंद नहीं आया, क्योंकि पार्टी विधायक सूर्यवंशी सूरज ने बीजद के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की मानसिकता की तुलना कालापहाड़ से की है। उन्होंने कहा कि भगवान जगन्नाथ और महाप्रसाद पर राजनीति के लिए राज्य की जनता माफ नहीं करेगी। कामिया जानी की मेज पर गोमांस था। सूरज ने सवाल किया कि यह कोई मुद्दा नहीं है कि उसने इसका सेवन किया या नहीं। वह गोमांस को बढ़ावा दे रही हैं और ऐसे कोई व्यक्ति को, जो गोमांस खाने को बढ़ावा देता है और प्रोत्साहित करता है, उसे श्री मंदिर में प्रवेश की अनुमति कैसे दी गई।
सूरज ने आगे कहा कि हम वीडियो के आधार पर कह रहे हैं और क्या वीके पांडियन के लिए कामिया की पृष्ठभूमि की जांच करना जरूरी नहीं था, जिसे वह मंदिर ले गए थे?