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अखिल भारतीय साहित्य समारोह में 250 साहित्यकारों को करेंगे सम्बोधित
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सोआ और तेरापंथ भवन में देश, समाज एवं साहित्य पर मंथन के लिए हो रहा है साहित्यकारों का जमावड़ा
भुवनेश्वर। देश के तीन राज्यों में भाजपा की सशक्त प्रदर्शन के बीच तथा 2024 के लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव से पूर्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत दो दिवसीय दौरे पर मंगलवार को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर पहुंच रहे हैं। इस दौरान वह देश में साहित्य जागरण को लेकर 250 साहित्यकारों को सम्बोधित करेंगे। हालांकि उनका यह दौरा राजनीतिक परिपेक्ष्य में नहीं है, लेकिन मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में ओडिशा के लिए काफी मायने रखता है। हाल ही में बीजू जनता दल ने अपनी आयोजित कार्यकारिणी बैठक में चुनावी राह पकड़ ली है और भाजपा के वरिष्ठ नेता था केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने भी ओडिशा में पहले की तुलना में 2024 में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन का दावा किया है। ऐसी स्थिति में राष्ट्रवादी विचारधारा वाली पार्टी भाजपा के लिए मोहन भागवत का यह दौरा तथा 250 साहित्यकारों का जमावड़ा काफी मायने रखता है। इस दो दिनों के दौरान राष्ट्र से संबन्धित बौद्धिक विषयों पर मंथन होगा। आज देश में भाजपा की राष्ट्रवादी विचारधारा लोगों के बीच अपनी पैठ गहरी करती जा रही है, जिससे आज देश भर में भारतीय जनता पार्टी का किसी से कोई मुकाबला नहीं है। लगातार हो रहे चुनावों में मतदाताओं का स्नेह प्राप्त होते जा रहा है।
तीन दिनों के इस सम्मेलन का उद्घाटन मंगलवार को भुवेश्वर स्थित तेरापंथ भवन में होगा। दूसरे दिन का आयोजन बुधवार को सोआ अडिटोरियम में होगा, जिसमें मोहन भागवत भाग लेंगे तथा अपने विचारों से साहित्यकारों के दिल में राष्ट्रीय विचारधारा का बोध जागृत करेंगे। तीसरे दिन का कार्यक्रम पुन: भुवनेश्वर स्थित तेरापंथ भवन में होगा। अखिल भारतीय साहित्य परिषद की ओर से आयोजित होने वाले इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान देशभर से पधारे 250 साहित्यकार देश, समाज एवं साहित्य विषय पर मंथन करेंगे। इन आयोजनों के दौरान 18 साहित्यकारों को सम्मानित भी किया जाएगा। आयोजन समिति के संयोजक प्रकाश बेताला ने बताया कि सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। साहित्यकारों के मंथन से निकलने वाला अमृत देश के बौद्धिक विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।
प्रकाश बेताला ने बताया कि झारखंड से 32, दिल्ली से 5, उत्तर प्रदेश 60, बिहार से 32, राजस्थान से 22, साहित्यकारों के अलावा महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरला, तमिलनाडु, बंगाल, कश्मीर, हिमांचल आदि प्रदेश के प्रख्यात साहित्यकार इस समारोह में भाग लेने के लिए आ रहे हैं।