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कटक में लंपी बीमारी ने दी दस्तक

  •  निश्चिंतकोइली ब्लॉक में कई गायों और बछड़ों की मौत

कटक। कटक जिले में लंपी बीमारी ने दस्तक दे दी है। बताया जाता है कि निश्चिंतकोइली ब्लॉक में इस घातक बीमारी से पिछले कुछ महीनों में कई गायों और बछड़ों की मौत हो गई है। बीमारी के लक्षणों में चेहरे और पैरों सहित उनके शरीर पर घाव देखने को मिल रहे हैं। इस बीमारी से संक्रमित मवेशियों की भूख खत्म हो जाती है और वे अपने पैरों पर खड़े नहीं हो पाते। इसके बाद घावों से मवाद निकलता है और कुछ दिनों के बाद मवेशी मर जाता है।

स्थानीय लोगों के मुताबिक, इलाके में इस बीमारी से कई मवेशियों की मौत हो चुकी है और लगातार हो रही है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर इस बीमारी की पहचान करने में विफल रहे हैं, इसलिए उन्हें इसका इलाज नहीं पता है। हालांकि पशु चिकित्सक इसे ‘लम्पी स्किन डिजीज’ कहते हैं। एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि हमारी गायों और बछड़ों पर एक अज्ञात बीमारी हमला कर रही है। इलाज की बात तो दूर, डॉक्टर इसका निदान भी नहीं कर पाते। वे जो दवाएं लिख रहे हैं, वे काम नहीं कर रही है। तीन गायों की मौत हो चुकी है। मेरी गोशाला में और दो संक्रमित गायें हैं, जो जल्द ही मर सकती हैं। एक अन्य गाय पालक ने कहा कि मेरी गौशाला में एक बछड़े की त्वचा पर गांठें विकसित हो गई हैं। वे गांठें आकार में बढ़ रही हैं और उनमें मवाद जमा हो रहा है। बछड़ा कुछ भी नहीं खा रहा है और उसका वजन भी काफी कम हो गया है। डॉक्टर कई बार आए और उसे दवाइयां दी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

बीमारी के बारे में पशु चिकित्सक सुदीप्त साहू ने कहा कि इस बीमारी को लम्पी स्किन डिजीज कहा जाता है। यह एक वायरल बीमारी है। इस बार, वायरस सात दिन से छह महीने की उम्र के बछड़ों पर हमला कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे पास इस रोग के लिए टीके हैं और टीकाकरण प्रक्रिया नियमित रूप से चल रही है। हालांकि, वैक्सीन प्रोटोकॉल के अनुसार, हम छह महीने से कम उम्र के बछड़ों को टीका नहीं लगा सकते।

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