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कुत्ते के काटने से मौत मामले में 10 लाख का मुआवजा देने का आदेश

  • राज्य के उच्च न्यायालय ने पुरी नगरपालिका को पीड़ित परिवार को मुआवजा देने को कहा

  • साल 2016 में चार कुत्तों के हमले में नाबालिग की हुई थी मौत

कटक। राज्य के उच्च न्यायालय ने पुरी नगरपालिका को कुत्तों के काटने के बाद मरने वाले नाबालिग के परिवार को 10 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने का आदेश दिया है।

उच्च न्यायालय ने साल 2016 के एक मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश सुनाया। उस दौरान पुरी में आवारा कुत्तों के एक झुंड ने चार साल के बच्चे को नोंच डाला था।

याचिकाकर्ता के वकील राजकिशोर स्वाईं ने कहा कि नगरपालिका ने एक हलफनामा दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि पीड़ित परिवार को मुआवजा देने के लिए नगरपालिका अधिनियम में कोई प्रावधान नहीं है। हालांकि, अदालत ने फिर भी फैसला सुनाया कि नगरपालिका को मृत बच्चे के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देना चाहिए।

स्वाईं ने कहा कि अदालत ने नगरपालिका अधिनियम और पशु जन्म नियंत्रण अधिनियम का संज्ञान लिया, जिसके तहत शहरों में आवारा जानवरों को नियंत्रित करने में लापरवाही बरतने पर नगर निकायों के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रावधान है।

याचिकाकर्ता ने कहा है कि चार आवारा कुत्तों द्वारा बच्चे को नोच-नोच कर मार डालने के बाद मैंने उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की थी। मैं चाहता था कि सरकार बच्चे के परिवार को उनके नुकसान की भरपाई करे। गौरतलब है कि राज्य में आवारा कुत्ते बच्चों के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। यहां तक कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भी कटक में आचार्य हरिहर पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर (एएचपीजीआईसी) में आवारा कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लिया था। आयोग ने इस मुद्दे को लेकर इस साल मई में ओडिशा सरकार, राज्य के अस्पताल प्रशासन और शहर नगर निगम को नोटिस जारी की थी। एनएचआरसी ने कहा कि अगर ये घटनाएं सच हैं तो ये मरीजों के मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं।

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