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पिरियडिक लेबर फोर्स सर्वे ने राज्य सरकार के झूठ पर से पर्दा हटाया
भुवनेश्वर। चुनावी मौसम में पूरा पृष्ठ रंगीन विज्ञापन देकर अपनी विफलता को छुपाने का प्रयास किया जा सकता है, लेकिन इसके द्वारा झूठ को सच में परिवर्तित नहीं किया जा सकता। सेवानिवृत्ति के बाद फिर से नियुक्ति प्रदान करने को राजनैतिक पुनर्वास या फिर पाप के द्वारा अर्जित सत्ता का अनैतिक बटवारा कहा जा सकता है, लेकिन यह रोजगार का परिचायक नहीं है। भारत सरकार के स्टैटिस्टिक्स व योजना कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी त्रैयमासिक पिरियडिक लेबर फोर्स सर्वे ने राज्य सरकार के झूठ को प्रमाणित कर दिया है। भाजपा के प्रवक्ता सत्यव्रत पंडा ने पार्टी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में विभिन्न प्रदेशों में शहरी बेरोजगारी पर तथ्य दिये गये हैं। भारत के शहरी इलाकों में बेरोजगारी की दर 17.3 प्रतिशत है, जबकि ओडिशा में यह 20.9 प्रतिशत है।