Home / Odisha / नहाय-खाय के साथ आज से शुरू होगा छठ महापर्व

नहाय-खाय के साथ आज से शुरू होगा छठ महापर्व

  •  भुवनेश्वर में छठ पूजा आयोजन को लेकर बिस्वास की तैयारियां पूरी

भुवनेश्वर। लोक आस्था के महापर्व छठ की तैयारियां पूरी हो चुकी है। शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ इस चार दिवसीय महापर्व की शुरुआत होगी। शनिवार को खरना, रविवार को अस्ताचल गामी (डूबते हुए) सूर्य एवं सोमवार को उदयाचल गामी (उगते हुए) सूर्य को अर्घ्य देकर महापर्व का समापन होगा।

आधुनिकता के दौर में घर से मिट्टी का चूल्हा और लकड़ी का जलावन लगभग गायब हो गया है। करीब तमाम घरों में गैस सिलिंडर आ जाने से उसी पर खाना बनाया जाता है, लेकिन छठ के अवसर पर खरना से लेकर डाला के लिए प्रसाद बनाने का काम मिट्टी के चूल्हे पर ही किया जाता है।

इसके लिए हर घर में आज चूल्हा बनाया गया। इस दौरान छठ मैया के गीत आध्यात्मिक माहौल बनाते हैं। हालांकि चूल्हा बना छठ व्रत के नियम बहुत ही कठिन होते हैं।

यह पर्व नहीं महापर्व है, जिसमें साफ-सफाई और शुद्धता का विशेष ध्यान दिया रखा जाता है। इसलिए छठ में मिट्टी से चूल्हे का अपना विशेष महत्व है। क्योंकि मिट्टी के बने चूल्हे और लकड़ी से जली आग को ही पवित्र माना गया है। व्रतियों के अनुसार छठ पूजा में उपयोग होने वाले प्रसाद को चूल्हे पर ही बनाना होता है। इसलिए व्रती कद्दू-भात, पकवान और खीर से लेकर उपयोग होने वाले सभी प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर ही बनाते हैं।

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में 17 नवंबर को समस्त छठव्रती पवित्रतम-नहाय-खाय करेंगे। नहाय-खाय के दिन व्रती अरवा चावल का भात, चने की दाल और लौकी की सब्जी का सेवन करते हैं।

जैसा कि सभी जानते हैं कि इस महापर्व में व्रतधारी लगातार 36 घण्टे तक निराहार तथा निराजल रहते हैं, उसके लिए भी वे अपने आपको तैयार करेंगे। भुवनेश्वर में लगभग तीन दशकों से पूरी पवित्रता, आस्था एवं श्रद्धा के साथ यह महापर्व मनाया जाता है। 1980 के दशक में स्थानीय केदारगौरी तालाब तथा चिंतामणिश्वर तालाब आदि में छठ का दोनों अर्ध्य (पहले दिन शाम का और दूसरे दिन आगामी भोर में) दिया जाता था, लेकिन बिस्वास भुवनेश्वर ने 1990 के दशक से इसे सामूहिक रुप से कुआखाई नदी तट पर मनाना आरंभ किया और जब संस्था ने जगह की कमी महसूस की तो 2022 से मंचेश्वर के न्यू बालियात्रा मैदान के समीप कुआखाई नदी तट पर छठघाट बनाकर सामूहिक रुप से पूजा की व्यवस्था करता है। यहां छठव्रती सूर्यदेव तथा छठ परमेश्वरी को शाम का पहला तथा दूसरे दिन भोर का दूसरा सामूहिक अर्ध्य देते हैं।

छठ आयोजन समिति के चेयरमैन अभिषेक मिश्र ने बताया कि इस साल भी आयोजन को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने निवेदन कि सभी व्रती 19 नवंबर को न्यू बालियात्रा मैदान, मंचेश्वर के समीप कुआखाई नदी तट पर सुबह और शाम चार बजे से पहले पहुंच जाएं।

Share this news

About admin

Check Also

Never seen Rohit so emotional in 15 years like he was after final, says Kohli

He had never seen “an emotional” Rohit Sharma in their decade and a half old …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *