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सुप्रीम कोर्ट और कमिश्नरेट पुलिस सुप्रीम कोर्ट और कमिश्नरेट पुलिस का आदेश धुएं में उड़ा

सुप्रीम कोर्ट और कमिश्नरेट पुलिस का आदेश धुएं में उड़ा

  • जमकर हुई आतिशबाजी, पटाखों की आवाज से गूंज रहा है आकाश

  • सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने के लिए पटाखों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिए दिया था आदेश

  • कमिश्नरेट पुलिस ने भी प्रदूषण नियंत्रण करने के लिए तैयार किया था खाका

भुवनेश्वर। दीपावली के अवसर पर आज रविवार को सुप्रीम कोर्ट और कमिश्नरेट पुलिस का आदेश धुएं में उड़ता नजर आया। आज शाम होते ही ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर रोशनी में सराबोर हो गई। शुभ मुहूर्त पर लोगों ने मां लक्ष्मी-भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की। इसके बाद वही हुआ, जो हर साल होते आते है।

सुप्रीम कोर्ट और कमिश्नरेट पुलिस के प्रतिबंध के बावजूद दीपावली के मौके पर लोगों ने जमकर आतिशबाजी की। आसमान शाम सात बजे से लेकर देर रात तक पटाखों की चिनगारियों से आलोकित हो रहा। पटाखों की आवाज दीपावली के जश्न को दर्शा रही थी। रात 10 बजे तक स्काई लालटेन आसमानों में अपनी बुलंदियों को ऊंचाइयों में नाप रहे थे।

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ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के साथ-साथ कटक, पुरी, बालेश्वर, भद्रक, गंजाम समेत राज्यभर में दीपावली के धमाकेदार मनाए जाने की खबर है। सभी जगहों से जमकर आतिशबाजी की खबर है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने के लिए पटाखों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिए आदेश दिया था। इसके साथ ही ओडिशा की राजधानी में कमिश्नरेट पुलिस ने भी प्रदूषण नियंत्रण करने के लिए खाका तैयार किया था। सिर्फ हरे पटाखों की बिक्री की अनुमति दी गई थी, लेकिन पटाखों की आवाज में कोई बदलाव नहीं दिखा।

हालांकि पटाखों की बिक्री के लिए काफी कम लाइसेंस दिए गए थे, लेकिन शाम को जितने पटाखे फोड़े गए, वह कई सवालिया निशान लगा रहे हैं।  आसमान पटाखों की चमक के साथ-साथ इससे उत्पन्न होने वाले धुएं से भी पटा हुआ दिखा। देखने से लगा रहा था कि मानों लोगों ने ठान लिया है कि हमें हर प्रतिबंध का उल्लंघन करना ही है। रात 10.30 बजे तक पटाखों की आवाजें आसमान में गूंज रही थी।

 

 

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