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महात्मा गांधी राष्ट्रीय फेलोशिप

महात्मा गांधी राष्ट्रीय फेलोशिप: शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने पढ़ाया स्किल को एक मिशन के रुप में लेने का पाठ

  • महात्मा गांधी फेलोशिप दीक्षांत समारोह आयोजित

  • मंत्री ने भुवनेश्वर से वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के जरिये संबोधित किया

इण्डो एशियन टाइम्स, भुवनेश्वर। महात्मा गांधी राष्ट्रीय फेलोशिप दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने स्किल को जीवन के एक मिशन के रुप में लेने का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि स्किल को जीवन में एक मिशन के रुप में लेने की आवश्यकता है। यह मिशन सीमित समय के लिए नहीं, बल्कि जीवनभर के लिए स्वीकार किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय फेलोशिप दीक्षांत समारोह को भुवनेश्वर से वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के जरिये संबोधित करते हुए केन्द्रीय शिक्षा, कौशल विकास व  उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने ये बातें कहीं।

प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदृष्टि वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्किलिंग इको सिस्टम में क्रेडिट फ्रेमवर्क में मैपिंग करने का प्रावधान है। सर्टिफिकेट में अनुभव व प्रदर्शन के आधार पर क्रेडिट दिया जा रहा है। यह देश का पहला क्रेडिट आवार्डिंग मेकानिजम है। आज देश में वातावरण में परिवर्तन आया है। 2027-18 देश में बेरोजगारी दर 6 प्रतिशत की तुलना में 2022-23 में यह घट कर 3.2 प्रतिशत में पहुंची है। कार्यक्षेत्र में श्रमबल व महिला भागीदारी में बढ़ोत्तरी हुई है। इस श्रमबल को स्किलिंग, री-स्केलिंग व अप स्किलिंग कराना होगा।

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केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जी-20 में वैश्विक कौशल अंतर के मानचित्रण की कल्पना की है। हमारा लक्ष्य भारत को विश्व की प्रतिभा का केंद्र बनाना है। देश में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टार्टअप नए रूप ले रहे हैं। ऊर्जा खपत के मामले में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है। वैश्विक जैव-ईंधन गठबंधन की कल्पना तब की गई है, जब देश में नवीकरणीय ऊर्जा और वैकल्पिक ऊर्जा आ रही है। एक तरह का वेस्ट-टू-वेल्थ मॉडल है। स्किलिंग के क्षेत्र में कुशल श्रमिकों को हुनरमंद बनाने के लिए पीएम विश्वकर्मा जैसी योजनाएं शुरू की गई हैं।

शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि भविष्य के कौशल को पारंपरिक कौशल से 21वीं सदी तक ले जाने की आवश्यकता है। समस्या को समझने से ही उसका समाधान हो सकता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षा और रोजगार को महत्व दिया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि जीवन में डिग्री से ज्यादा कौशल का महत्व है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कौशल जीवन से जुड़ा है। प्रधान ने सभी से स्किल इंडिया डिजिटल के पोर्टल से जुड़ने का आग्रह किया, जो यूपीआई का उपयोग करना आसान है।

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