भुवनेश्वर। गत एक माह के अंदर केन्दुझर जिले के बांशपाल प्रखंड के जंतारी गांव में 11 जुआंग जनजाति के लोगों की मौत होने को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने नवीन पटनायक सरकार को घेरा है। पार्टी ने कहा कि सरकार किस ढंग से भेदभाव कर रही है तथा प्रशासन कितना उदासीन है, यह जुआंग जनजाति के 11 लोगों की मौत होने के मामले ने स्पष्ट कर दिया है। राज्य सरकार जनजातीय लोगों के प्रति कितना असंवेदनशील है, यह भी प्रमाणित हो गया है। पार्टी कार्यालय में भाजपा प्रवक्ता सत्यव्रत पंडा ने पत्रकार सम्मेलन में कहा कि देश में 75 जनजाति हैं, जिन्हें पार्टिकुलरली वलरनेबल ग्रुप या पीवीटीजी माना जाता है। उसमें से एक केन्दुझर जिले के जुआंग जनजाति भी शामिल है। इस जनजाति के लोगों की संख्या घट रही है तथा उनके विलुप्त होने की आशंका भी है। केन्दुझर जिले में धनराशि की कोईकमी नहीं है। देश में सर्वाधिक मिनरल डेवलपमेंट फंड केन्दुझर से मिलता है। केन्दुझर जिले से 10,258 करोड रुपये इस फंड के लिए वसूल होता है। उन्होंने कहा कि केन्दुझर जिले के पास इतनी अधिक धनराशि होने के वावजूद जिस गांव में 11 लोगों की मौत हुई है। वहां शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है। इस गांव में जो ओवरहेड टैंक प्रशासन ने बनाया है, वहां कीड़े भरे हुए हैं। इस कारण वह पानी पीने के योग्य नहीं है। जुआंग लोग इस कारण प्राकृतिक स्रोत से जल लेकर सेवन करते हैं। यह दूषित जल पीकर वे गंभीर बीमारियों के जकड़ में आ रहे हैं। यही कारण है कि 11 लोगों की मौत एक माह में हुई है। राज्य सरकार केवल प्रचार में जुटी है, लेकिन वास्तविकता क्या है इस घटना ने स्पष्ट कर दिया है।
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