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जरूरतमंदों को दिया जा रहा है खाद्य सामग्री
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पशु-पक्षियों को लिए भी खाने हो रहा है प्रबंध
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मरीजों की तरफ भी बढ़ाया मदद का हाथ
कटक. मां का स्वरूप मानव जीवन की प्रथम शिक्षिका, साकार मूर्ति, जीवन रक्षक, करुणा एवं सेवा की मिशाल होती है. ऐसी ही सेवा की मिसाल क़ायम की है मातृशक्ति कटक की सदस्यों ने. मातृशक्ति कटक, लायन्स कटक पर्ल, वेलवेट एवं अग्रवाल महिला समिति ने मिलकर लगातार चहुं प्रकार सेवा कार्य में अपने मातृत्व की ममता के साथ अग्रसर हैं. मातृशक्ति की अध्यक्ष सम्पत्ति मोड़ा ने कहा कि सच्चा सामाजिक कार्यकर्ता वही है, जो संकट, आपात स्थिति एवं प्रतिदिन की व्यक्तिगत और सामाजिक समस्याओं का समाधान करते हैं. हमारी सदस्यों ने बेसहारा, जरूरतमंद, उपचार एवं चिकत्सा साहत्यार्थ, पारवरिक समस्याओं का परामर्श द्वारा निदान, आदि जनसेवा का व्रत लेकर अनवरत पालन कर रहीं हैं.
सचिव संगीता करनानी ने बताया कि आज इस कोरोना वायरस से उपजी विपदा की परिस्थिति में एक परिवार में उत्पन्न आपसी रंजिशों को हमारी अध्यक्ष सम्पत्ति मोड़ा ने बहुत ही प्यार से भावनात्मक तथा मनोवैज्ञानिक तरीक़े से परामर्श देते हुए परिवार वालों से फ़ोन पर ही बात करके समाधान किया. सभी परिवार जन अत्यंत खुश हैं. उन्होंने कहा हमें तो पारिवारिक ख़ुशी का मंत्र मिल गया. गौरतलब है कि अब तक मातृशक्ति ने अपने परामर्श एवं प्रयासों द्वारा बहुत से टूटते-बिखरते परिवारों को जोड़ते हुए उन्हें खुशियां प्रदान की है. इसी तरह से मातृशक्ति कटक का मिशन सभी के तहत मानव, पशु और पक्षियों की सेवा भी पूरी तरह चालू है.
इसके तहत लगातार कटक म्यूनिसिपल हेल्थ आफिसर के माध्यम से लोगों में अनाज (चावल, दाल, चूड़ा, चीनी एवं बिस्कुट) वितरित किया का रहा है. सदस्यों के आस-पास के ज़रूरतमंद परिवारों को भोजन सामग्री उपलब्ध करवायी का रही है. नीलम साहा एवं अल्का सिंघी ने बताया हमारा प्रयास यही है कि इस विश्वव्यापी महामारी के समय कोई भी परिवार भूखा ना रहे. इसका हर सम्भव प्रयास करते हुए लगातार नित्य 50-60 कीट बांटा जा रहा है. साथ ही पशु-पंक्षियों का भी ख़्याल रखा जा रहा है. सभी सदस्यों द्वारा उनके घर के आंगन, बाहर एवं छतों पर गाय, कुत्तों को रोटी, बिस्कुट एवं पक्षियों को नित्य दाना दिया जा रहा है एवं सभी से अनुरोध किया गया है अपने बाल्कनी, छत एवं घर के सामने पानी भरकर रखें, जिससे इन जीवों को गर्मी में पानी मिल सके.
मातृशक्ति की सभी सदस्यों ने मिलकर एक ही समय में एक साथ सबसे पहले सवा लाख हनुमान चालीसा का पाठ २२/०३/२० को किया. विपदा की इस घड़ी में नवमी के दिन मां का मंगल पाठ किया गया. देशभर से रेकी गुरु को व्हाट्सअप में जोड़कर रात 9 से 10 बजे तक रेकी जा रही है. चिकत्सा के क्षेत्र में कार्य करते हुए दो ज़रूरत मंद को पूरे माह के दवाई उपलब्ध करवाई गयी. एक मरीज को आक्सीजन मशीन जरूरत थी, उन्हें तुरंत आक्सीजन सेवा उपलब्ध करवाई गयी. इस सभी कार्यों में मुख्यतय मंजू सिपानी, अलका सिंघी, सन्तोषी चौधरी, सन्तोष चांडक, ऊषा धनावत, आशा पटोदिया, सोनिया शर्मा, विद्या सांगानेरिया, मीरा अग्रवाल, सुनिता साबू, रेनू गर्ग, भक्ति उदेशी, मंजू अग्रवाल, संजू गोयनका, कृष्णा हरललका, कल्पना जैन का सहयोग उल्लेखनीय रहा है.