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शिकारियों और वन्यजीव अपराधियों के मोबाइल फोन को कर सकते हैं ट्रैक
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कॉल विवरण की जांच करने की अनुमति भी मिली
भुवनेश्वर। राज्य में शिकारियों से निपटने और वन्यजीव अपराधियों पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाने के लिए ओडिशा सरकार ने वन विभाग के अधिकारियों को पुलिस की शक्ति प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाया है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) सुशील कुमार पोपली ने 69वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव सप्ताह के समापन दिवस के दौरान यह घोषणा की। राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम से जुड़े।
बताया जाता है कि पुलिस की शक्ति प्रदान करने के साथ ही वन अधिकारी अब राज्यभर के जंगलों में अवैध शिकार गतिविधियों में शामिल शिकारियों और वन्यजीव अपराधियों के मोबाइल फोन को ट्रैक कर सकते हैं।
इसके अलावा, ओडिशा सरकार ने राज्य के वन अधिकारियों को शिकारियों के स्थान को ट्रैक करने और उनके कॉल विवरण की जांच करने की अनुमति दी है।
वर्तमान में वन अधिकारी आग्नेयास्त्रों के उपयोग पर प्रशिक्षण ले रहे हैं। कम से कम 90 वन अधिकारियों को आग्नेयास्त्रों के उपयोग में प्रशिक्षित किया गया है। इस संबंध में चरणबद्ध तरीके से अन्य अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे पहले, शिकारियों और वन्यजीव अपराधियों के खिलाफ मजबूत आत्मरक्षा कवर के साथ फ्रंटलाइन कर्मचारियों को हथियारों से लैस करते हुए ओडिशा सरकार ने राज्य के वन अधिकारियों को आधिकारिक कर्तव्यों के दौरान आग्नेयास्त्रों के उपयोग के लिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 197 के तहत छूट प्रदान की थी।