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भाजपा के कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा को नहीं मिली अनुमति
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भाजपा विधायकों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की
भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सोमवार को हंगामा हुआ और विपक्ष ने राज्य सरकार पर यह आरोप लगाते हुए हमला बोला कि यहां लोकतंत्र लगभग ध्वस्त हो गया है। विपक्षी भाजपा ने इस मुद्दे के साथ-साथ एक अन्य मुद्दे पर भी स्थगन प्रस्ताव लाया- श्रेष्ठ कौन है? मंत्री या सचिव। कार्यस्थगन प्रस्ताव स्वीकार नहीं होने पर भाजपा सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। वहीं बीजद ने राष्ट्रीय राजमार्ग का मुद्दा उठाकर विरोध जताया। विधानसभा में भाजपा विधायकों के हंगामे के कारण आज प्रश्नकाल का कार्यक्रम नहीं हो सका। हंगामे के कारण विधानसभा अध्यक्ष प्रमिला मल्लिक ने सदन को 11.30 बजे तक स्थगित कर दिया। आज पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सदन की कार्यवाही 10.30 बजे प्रारंभ हुई। विधानसभा अध्यक्ष ने तय कार्य़क्रम के अनुसार प्रश्नकाल का कार्यक्रम शुरू करना चाहा। तभी भाजपा विधायकों द्वारा लाये गये कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा को अनुमति न दिये जाने के खिलाफ भाजपा विधायकों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। भाजपा विधायक सदन के बीच में आकर विधानसभा अध्यक्ष के पोडियम के नीचे आकर नारेबाजी करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें अपनी सीट पर जाकर सदन की कार्यवाही में सहयोग करने की अपील की, लेकिन वे नहीं माने तथा नारेबाजी करते रहे। इस कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को 11.30 तक स्थगित कर दी। इस कारण विधानसभा में आज प्रश्नकाल के कार्यक्रम हो नहीं सका।
भाजपा नेता मोहन माझी ने कहा कि हमारी स्थगन नोटिस थी कि लोकतंत्र ध्वस्त हो गया है और चाहे मंत्री हो या सचिव, सब श्रेष्ठ हैं। हालांकि, जिस तरह स्पीकर ने बिना कोई कारण बताए इसे रद्द कर दिया, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। माझी ने कहा कि विधायक को विभागों के खर्च पर सवाल पूछने का अधिकार है। इसी तरह, हम सीएम के सचिव के दौरे, व्यवस्था, सुरक्षा और हेलीकॉप्टर के उपयोग के दौरान होने वाले खर्च के बारे में भी जानना चाहते थे, लेकिन बिना किसी कारण के अध्यक्ष ने इसे खारिज कर दिया।
कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद वाहिनीपति ने कहा कि यह जानबूझकर है कि वे (भाजपा) यह सुनिश्चित नहीं करना चाहते हैं कि विधानसभा बीजद के निर्देशों पर काम करे, क्योंकि शिक्षक हड़ताल पर हैं, स्कूल बंद हैं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहित अन्य कर्मचारी भी हड़ताल पर हैं। इससे साफ पता चलता है कि बीजद-भाजपा एक हैं।
बीजद विधायक दीपाली दास ने कहा कि कटक-संबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग एक महत्वपूर्ण राजमार्ग है और तटीय और पश्चिमी ओडिशा के लोग इस पर निर्भर हैं, लेकिन दुर्भाग्य है कि काम अब तक पूरा नहीं हो सका है। राज्य सरकार इस पर केंद्र से सवाल पूछना चाहती है। अभी तक काम शुरू नहीं हो सका है। मैं पूछना चाहती हूं कि हाईवे पर होने वाली मौतों के लिए कौन जिम्मेदार है?
बीजद विधायक को जवाब देते हुए भाजपा विधायक कुसुम टेटे ने कहा कि केंद्र ने फंड मंजूर कर दिया है और ऐसा लगता है कि विधायक को इसकी जानकारी नहीं है। अब काम कराना ओडिशा सरकार का काम है। ऐसे समय में इस तरह के बयान उचित नहीं हैं।