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कब्जे से 19.96 लाख रुपये की रिश्वत राशि बरामद
भुवनेश्वर। सीबीआई ने रिश्वतखोरी के मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक निजी कंपनी का मालिक, कुछ व्यक्तिगत लोग और ब्रिज एंड रूफ कंपनी (इंडिया) लिमिटेड के सीएमडी के कार्यकारी सचिव भी शामिल हैं। इस सात लोगों को कथित तौर पर 19.96 लाख रुपये की रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया है।
बताया गया है कि ओडिशा में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) के लिए निविदा प्राप्त करने में अनुचित लाभ के लिए यह रिश्वतखोरी हुई थी।
यह जानकारी आज रविवार को देते हुए सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गुजरात स्थित एक कंपनी के मालिक हेतल कुमार प्रवीणचंद्र राज्यगुरु, कोलकाता निवासी शशांक कुमार जैन, नोएडा से सोमेश चंद्र, मुंबई से वीर ठक्कर, राजीव रंजन, तरंग अग्रवाल और ब्रिज एंड रूफ कंपनी (इंडिया) लिमिटेड के सीएमडी के कार्यकारी सचिव आशीष राजदान, ब्रिज एंड रूफ कंपनी (इंडिया) लिमिटेड के अज्ञात लोक सेवकों और अन्य निजी व्यक्तियों के खिलाफ यह मामला दर्ज था।
सीबीआई जांच से पता चला कि कोलकाता निवासी शशांक कुमार जैन टेंडर देने के लिए ब्रिज एंड रूफ कंपनी (इंडिया) लिमिटेड में अज्ञात अधिकारियों की ओर से हेतल कुमार प्रवीणचंद्र राज्यगुरु और एक अन्य निजी व्यक्ति से रिश्वत मांग रहा था।
राज्यगुरु ने ब्रिज एंड रूफ कंपनी (इंडिया) लिमिटेड में लोक सेवक के लिए जैन को 20 लाख रुपये भेजने का आश्वासन दिया था।
अधिकारी ने कहा कि एक जाल बिछाया गया और एक कथित हवाला चैनल के माध्यम से कोलकाता में उक्त निजी व्यक्ति को रिश्वत की रकम पहुंचाने के बाद, दोनों निजी व्यक्तियों को पकड़ लिया गया। उनके कब्जे से 19.96 लाख रुपये की कथित रिश्वत राशि बरामद की गई।
आगे की जांच से पता चला कि यह रिश्वत कथित तौर पर ब्रिज एंड रूफ कंपनी (इंडिया) लिमिटेड के सीएमडी के कार्यकारी सचिव (एक लोक सेवक) के लिए थी। उक्त कार्यकारी सचिव और अन्य निजी व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया गया है।
आरोपियों के परिसरों में कोलकाता, दिल्ली, नोएडा, मुंबई, नागपुर और राजकोट सहित विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली गई, जिससे कई आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य और 26.60 लाख रुपये की नकदी बरामद हुई।
अधिकारी ने कहा कि हेतल कुमार प्रवीणचंद्र राज्यगुरु को अहमदाबाद में एक विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया और उन्हें 21 सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया है। शेष गिरफ्तार आरोपियों को सक्षम अदालत के सामने पेश किया जाएगा।