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कोरोना को लेकर जब तक लाकडाउन रहेगा घर का किराया नहीं लेंगे मोहम्मद ख़लीफ़ा
तन्मय सिंह, राजगांगपुर
चंद मुट्ठीभर लोग पूरे कौम का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते हैं और न ही पूरे कौम की छवि को बना-बिगाड़ सकते हैं. जी हां ! हम उसी संदर्भ में बात कर रहे हैं. तब्लीगी जमात को लेकर. तब्लीगी जमात जैसी छवि कभी भी पूरी कौम की छवि कभी भी नहीं हो सकती है. यह बात आज राजगांगपुर में मोहम्मद ख़लीफ़ा ने साबित कर दिया है. कोरोना वायरस भंयकर महामारी आज पूरे देश में फैलती जा रही है. दिन पर दिन कोरोना के मरीज बढ़ते ही जा रहे हैं. इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार अपने स्तर पर हर संभव कोशिश कर रही हैं. लोगों को कहा जा रहा है घरों से बाहर ना निकलें. अगर कोई जरूरी काम से निकल रहे हैं, तो लोगों से सामाजिक दूरी बनाकर रहें. जब से 21 दिनों का लाकडाउन पूरे भारत वर्ष में शुरू हुआ है, तब से सबसे ज्यादा मुश्किल में गरीब तबके के लोग हैं. जो रोजाना काम कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं, ऐसे शहर में बहुत से लोग हैं. ये रोज कमाकर अपना घर चलाते हैं. ऐसे लोगों के लिए शहर के कुछ सेवभावी संगठन दो समय का खाना उन तक पहुंचा रहे हैं. इस लाकडाउन के समय में हर कोई अपने-अपने स्तर पर गरीब तबके के लोगों को मदद करने को लगे हैं. तीन-चार दिन पहले ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पूरे राज्य के लोगों से अपील की थी कि इस मुश्किल घड़ी में जो लोग किराए के मकान में रहते हैं, हो सके तो एक महीने का किराया माफ कर दें, ताकि भाड़ेदारों के ऊपर इसका भार ना पड़े. कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री द्वरा की गयी घोषणा के बाद आज वार्ड नंबर 19 में रहने वाले ईदगाह मोहल्ला निवासी मोहम्मद शलीम खलीफा ने मिशाल कायम करते हुए इस मुश्किल की घड़ी में अपने किराएदारों का किराया माफ करने का फैसला लिया है. मोहम्मद सलीम खलीफा ने कहा है कि जब तक लाकडाउन रहेगा, तब तक वे अपने किरायेदारों से भाड़ा नहीं लेंगे. मोहम्मद खलीफा के घर पर पाँच किराएदार भाड़ा पर रहते हैं. एक किराएदार का भाड़ा पंद्रह सौ रुपये है. उनके घर मे रहने वाले किराएदार गरीब तबके के हैं, जो रोजना काम कर अपना घर चलाते हैं. इन दिनों लाकडाउन के कारण किरायदारों की कोई कमाई नहीं हो पा रही है. इसको देखते हुए मोहम्मद सलीम खलीफा ने अपने किरायदारों से कह दिया है जब तक लाकडाउन तब तक किराया नहीं लूंगा. सलीम द्वरा अपने किरायेदारों से किराया न लेने की चर्चा को पूरे शहर के लोगों ने तारीफ की है, जबकि तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों ने जो कदम उठाया है, उसे पूरा दुनिया निंदा कर रही है. खलीफा ने आज इस घोषणा से यह साबित कर दिया कि कुछ लोगों की जमात पूरी कौम का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकती है.