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कहा- यदि आप पार्टी के नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो आपको पार्टी में नहीं रहना चाहिए
भुवनेश्वर। राज्य के ऊर्जा मंत्री प्रताप केशरी देव ने आज शनिवार को अपनी ही पार्टी के आचरण की आलोचना करने के लिए बीजद नेता और खंडापड़ा विधायक सौम्यरंजन पटनायक पर हमला बोलते हुए उनकी कड़ी आलोचना की।
देव ने पटनायक को पार्टी छोड़ने की बात कहते हुए कहा कि उन्हें पार्टी में रहते हुए अपनी ही पार्टी की आलोचना नहीं करनी चाहिए। देव ने भुवनेश्वर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सौम्य बाबू बहुत विद्वान व्यक्ति हैं और बुद्धिजीवी भी। मुझे उसे सलाह देने की जरूरत नहीं है, लेकिन बीजद के विधायक के रूप में उन्हें पता होना चाहिए कि वह मुख्यमंत्री की शिकायत निवारण के बारे में अपने संपादकीय में क्या लिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि उनके निजी सचिव लोगों से शिकायतें क्यों एकत्र कर रहे हैं। इतनी सफाई के बाद भी मुख्यमंत्री कार्यालय को निशाना बनाना उचित नहीं है। अगर कोई व्यक्ति पार्टी फोरम से बाहर जाकर खुद ही पार्टी की आलोचना करता है तो इसे ब्लैकमेलिंग कहा जाएगा। देव ने कहा कि यदि आप पार्टी के नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो आपको पार्टी में नहीं रहना चाहिए। घर से अपनी ही पार्टी की आलोचना करना पार्टी का अनुशासन तोड़ता है। अगर वह कुछ कहना चाहते हैं, तो उन्हें पार्टी छोड़ देनी चाहिए और फिर जो चाहें कहें।
देव के हमले के बाद भुवनेश्वर की सांसद और भाजपा नेता अपराजिता षाड़ंगी ने कहा कि सौम्यरंजन पटनायक एक अनुभवी और बौद्धिक व्यक्ति हैं। उन्होंने साहस दिखाया है और सच सामने लाने की कोशिश की है। बीजद के हर विधायक को इसे सकारात्मक रूप से लेना चाहिए। अगर बीजद ने पहले सौम्य बाबू की बात सुनी होती तो लोग ओडिशा के शासन पर हंसते नहीं।
इसके तुरंत बाद कांग्रेस पटनायक के समर्थन में उतर आई। पार्टी प्रवक्ता आर्य कुमार ज्ञानेंद्र ने कहा कि सौम्य बाबू कभी किसी पद के पीछे नहीं भागते। अगर ऐसा होता तो जानकी बाबू के काल में ही उन्हें सब कुछ मिल गया होता। यहां यह उल्लेखनीय है कि देव पार्टी में पटनायक की आलोचना करने वाले पहले व्यक्ति नहीं हैं।
इससे पहले विधायक अरुण साहू और मंत्री अतनु सव्यसाची नायक पहले ही अखबार में संपादकीय को लेकर पटनायक पर निशाना साध चुके हैं।
उन्होंने कहा कि वह पार्टी के अंदर से ही उसे ब्लैकमेल कर रहे हैं, लेकिन वह कभी भी अपने निर्धारित लक्ष्य को हासिल नहीं कर सके। पिछले दिनों उन्होंने पार्टी को ब्लैकमेल करने की कोशिश की थी और आज भी वह पार्टी के खिलाफ ‘ब्लैकमेल’ को अपने हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। उनकी गतिविधियों से पार्टी पर शायद ही कोई असर पड़ेगा, क्योंकि लोग सौम्यबाबू को अच्छी तरह से जानते हैं। नायक ने कहा था कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने सभी जिलों का दौरा किया और लोगों की शिकायतें एकत्र की गईं और उनका समाधान भी किया गया। इसमें ग़लत क्या है? इससे सौम्यबाबू को क्या परेशानी हुई?