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आज तक नहीं हो पाई है शिनाख्य
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भुवनेश्वर एम्स में एक विशेष डीप फ्रीजर कक्ष के अंदर संरक्षित हैं सभी शव
भुवनेश्वर। ओडिशा के बालेश्वर जिले के बाहनगां में हुए ट्रेन हादसे के तीन महीने बाद भी 28 शवों की पहचान नहीं हो पाई है। रेल हादसे में 296 लोगों की मौत हो गई थी।
सभी 28 शवों को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भुवनेश्वर में एक विशेष डीप फ्रीजर कक्ष के अंदर संरक्षित किया गया है। एम्स अधिकारियों के अनुसार, कुल 81 शव और 110 दावेदार थे। डीएनए नमूनों के आवश्यक मिलान के बाद 53 शव सौंपे गए।
यह आश्चर्य की बात है कि पिछले 10 दिनों में कोई भी व्यक्ति शवों पर दावा करने के लिए एम्स भुवनेश्वर नहीं आया है।
एम्स भुवनेश्वर के अधीक्षक, दिलीप परिडा ने बताया कि हमने आनुवंशिक परीक्षण और डीएनए परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर शव सौंपे हैं। वर्तमान में हमारे पास 28 शव हैं, जिनके लिए हमारे पास कोई दावेदार नहीं है।
परिडा ने कहा कि वे इस संबंध में रेल मंत्रालय और ओडिशा सरकार के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। सीबीआई शवों की संरक्षक है, क्योंकि वह मामले की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि हमने यहां केवल शवों को संरक्षित किया है। उन्होंने कहा कि जो भी निर्देश प्राप्त होगा, हम उसके अनुसार पालन करेंगे और शवों को सीबीआई को सौंप देंगे। हमें उम्मीद नहीं है कि अब कोई शवों पर दावा करने के लिए आगे आएगा, क्योंकि पिछले 10 दिनों में कोई नहीं आया है। सभी शवों को डीप फ़्रीज़र में संरक्षित किया गया है और कोई समस्या नहीं है, क्योंकि सड़ने की प्रक्रिया आमतौर पर रुकी हुई है। परिडा ने बताया कि ट्रेन हादसे के बाद हमने 110 शवों का डीएनए नमूना लिया था।