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साल 2016 से लगा है प्रतिबंध
पुरी। श्रीमंदिर में महाप्रभु श्री जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के प्रमाणिक दर्शन (टिकट दर्शन) जल्द ही फिर से शुरू होंगे। कल गुरुवार को श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) की वित्तीय उप-समिति की बैठक के बाद मुख्य प्रशासक रंजन कुमार दास ने बताया कि देवताओं के परमाणिक दर्शन की अनुमति देने पर निर्णय लेने से पहले एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जाएगी। गर्भगृह के अंदर भक्तों के प्रवेश पर प्रतिबंध के बाद साल 2016 से श्रीमंदिर में परमाणिक दर्शन बंद कर दिया गया है।
बैठक में तीन और फैसलों पर भी मुहर लगी है। निर्णय लिया गया कि महालक्ष्मी मंदिर के पास मंदिर परिसर में चार स्थानों पर दान पेटियां लगाई जाएंगी।
यह जानकारी देते हुए एसजेटीए के मुख्य प्रशासक रंजन कुमार दास ने कहा कि
एसजेटीए ने आगंतुकों की सुविधा के लिए चार भक्त निवास, नीलाचल निवास, नीलाद्रि निवास, गुंडिचा निवास और पुरूषोत्तम निवास के सभी कमरों में टेलीविजन सेट स्थापित करने का भी निर्णय लिया है।
इसके अलावा, एसजेटीए मंदिर में ‘महला’ प्रणाली को फिर से शुरू करने पर विचार कर रहा है। इसे लागू करने से पहले इस संबंध में एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जाएगी। कुछ साल पहले विभिन्न कारणों से यह सेवा बंद कर दी गई थी।