-
24 जिलों में 3 अगस्त तक कुल 1,154 डेंगू पॉजिटिव मिले
-
खुर्दा जिले के कुल 62 प्रतिशत मामले में से 90 फीसदी राजधानी से
-
भुवनेश्वर की स्थिति स्वास्थ्य विभाग के लिए बनी सिरदर्द
भुवनेश्वर। राज्य में डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही राजधानी भुवनेश्वर की स्थिति स्वास्थ्य विभाग के लिए सिरदर्द का कारण बन गई है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, यह बीमारी 24 जिलों में अपना विकराल रूप धारण कर चुकी है। 3 अगस्त तक कुल 1,154 डेंगू पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। पिछले साल इसी दौरान 1,019 मामले सामने आए थे।
डेंगू के कुल मामलों में से 62 प्रतिशत मामले खुर्दा जिले से हैं। खुर्दा जिले में अब तक डेंगू के 715 मामले सामने आए हैं, उनमें से 90 प्रतिशत अकेले भुवनेश्वर से सामने आए हैं।
कैपिटल हॉस्पिटल के निदेशक डॉ लक्ष्मीधर साहू ने बताया कि लगभग 150 लोग डेंगू परीक्षण के लिए अस्पताल आ रहे हैं और उनमें से लगभग 40 की परीक्षण रिपोर्ट सकारात्मक आई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 35 मरीजों का इलाज चल रहा है और लगभग 365 को छुट्टी दे दी गई है। हमारे पास डेंगू के लिए समर्पित 10 बिस्तर हैं, हमने मरीजों को समायोजित करने के लिए बिस्तरों की संख्या बढ़ा दी है।
इधर, सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक (प्रभारी) डॉ गुनुरानी पटनायक ने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं।
इस साल डेंगू के 1,154 मामले सामने आए हैं। पिछले साल यह संख्या 1,019 थी। थोड़ी सी बढ़ोतरी हुई है। मैं कहूंगी कि यह जागरूकता की कमी के कारण है। फिर भी हम आवश्यक कदम उठा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि डेंगू से मरीजों की मौत भी शुरू हो गई है। जुलाई महीने में जहां सात साल की एक बच्ची और एक गर्भवती महिला की कथित तौर पर डेंगू के कारण मौत हो गई थी, वहीं कल कटक जिले के बड़म्बा इलाके में इस बीमारी से एक व्यक्ति की कथित तौर पर जान चली गई। बड़म्बा चिकित्सा प्रभारी बिस्वनाथ ने मीडिया को दिए गए बयान में कहा है कि मृतक मनियाबंध में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में गया था। वह बुखार से पीड़ित था। वह गोपापुर में एक डॉक्टर के पास गया था। बड़म्बा अस्पताल में उन्हें मृत पाया गया। हम यह पता लगाने के लिए जांच शुरू करेंगे कि गोपापुर में उसका इलाज कौन कर रहा था।
इस बीच, स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के बढ़ते मामलों का कारण बाढ़ के पानी में बहकर आने वाले एडीज मच्छरों के लार्वा को बताया है और लोगों से सतर्क रहने को कहा है, नहीं तो स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाएगी।