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सिर्फ सिंहद्वार से ही भक्तों को मिलेगा प्रवेश
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पश्चिम द्वार से सिर्फ स्थानीय लोगों को जाने की अनुमति
इण्डो एशियन टाइम्स, पुरी।
श्रीमंदिर के सभी चार दरवाजे अब नहीं खोले जाएंगे। यह जानकारी पुरी के जिला कलेक्टर समर्थ वर्मा ने शुक्रवार को दी। वर्मा ने मंदिर के सभी चार द्वार खोलने में प्रमुख बाधा के रूप में चल रही श्रीमंदिर परिक्रमा परियोजना का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि पश्चिम, उत्तर और दक्षिण द्वारों पर भक्तों की कतार बनाना और उन्हें प्रबंधित करना मुश्किल है, क्योंकि चल रही परिक्रमा परियोजना के कारण उन द्वारों के सामने भक्तों के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि हम परिक्रमा परियोजना के पूरा होने के बाद ही सभी चार द्वारों को फिर से खोलने पर अंतिम निर्णय लेंगे। तब तक श्रीमंदिर में प्रवेश और निकास की मौजूदा व्यवस्था जारी रहेगी।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान व्यवस्था के तहत भक्तों को केवल सिंहद्वार (पूर्वी द्वार) के माध्यम से श्रीमंदिर में प्रवेश और उत्तरी द्वार से बाहर निकलने की अनुमति है।
एसजेटीए ने हालांकि पश्चिम द्वार खोल दिया है, लेकिन केवल पुरी के स्थानीय निवासियों के लिए यह खुला है। पश्चिम द्वार के माध्यम से मंदिर में प्रवेश पाने के लिए पते का प्रमाण दिखाना होगा। वे उत्तरी द्वार से भी बाहर निकलेंगे।
गौरतलब है कि कोविद-19 के प्रकोप से पहले भक्तों को सभी चार द्वारों से 12वीं सदी के मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति थी। महामारी के दौरान मंदिर के तीन दरवाजे भक्तों के लिए बंद कर दिए गए थे, लेकिन महामारी के लंबे समय बाद भी भक्तों को केवल एक द्वार से मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है, जिसके परिणामस्वरूप भारी भीड़ उमड़ रही है।