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भद्रक के चार ब्लॉकों के 312 गांवों के लगभग 1,81,000 लोग, 3200 हेक्टेयर कृषि भूमि और 6,000 पशुधन प्रभावित
भुवनेश्वर। ओडिशा में बारिश में आई कमी के कारण नदियों के जलस्तर में गिरावट जारी है। भद्रक जिले में समग्र बाढ़ की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार देखने को मिला है और बैतरिणी नदी अब खतरे के निशान से नीचे बह रही है। जिला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार, इस साल मौसम की पहली बाढ़ में जिले के चार ब्लॉकों के 312 गांवों के लगभग 1,81,000 लोग प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा जिले में बाढ़ से 3200 हेक्टेयर कृषि भूमि और 6,000 पशुधन प्रभावित हुए हैं। भले ही बाढ़ का पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन अभी भी बाढ़ में फंसे लोगों की दुर्दशा में कोई बदलाव नहीं आया है। कई सड़कों पर भी बाढ़ का पानी बह रहा है, जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। बाढ़ से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि घरों को भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ का पानी कम होने के बाद ही विस्तृत क्षति का आकलन किया जाएगा। जिला प्रशासन ने आज सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया था, क्योंकि धामनगर ब्लॉक के कई हिस्सों से बाढ़ का पानी अभी भी कम नहीं हुआ है।
हीराकुद के 12 गेटों से जल निष्कासन
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, आज सुबह छह बजे तक हीराकुद बांध का जल स्तर 620.10 फीट था। बांध के 12 गेटों से अतिरिक्त पानी छोड़ा जा रहा था।
दया और रजुआ में बाढ़ से लोग प्रभावित
दया और रजुआ नदी में बाढ़ के कारण खुर्दा जिले के कई हिस्से प्रभावित हुए हैं। ओरबारासिंघ पंचायत के तीन गांव का संपर्क टूट गया है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि बरसात के मौसम में उन्हें इसी तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हिरिमुल गांव में भी बाढ़ का पानी घुस गया है और मुख्य सड़क भी 3 फीट पानी में डूब गई है। प्रशासन ने दो नावें उपलब्ध कराई थीं, दूसरी नाव क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण केवल एक का ही उपयोग किया जा रहा है। बताया जाता है कि हीराकुद से पानी छोड़े जाने से बहुत पहले ही भारी बारिश के बाद हमारा क्षेत्र जलमग्न हो जाता है। स्थानीय लोगों को इसके कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
पारादीप में बाढ़ में सुधार
पारादीप के कुजांग इलाके में बाढ़ की स्थिति में थोड़ी सुधार हुई है। हालांकि, कई जगहों पर लोग अभी भी फंसे हुए हैं। बाढ़ ने यहां के किसानों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। कई इलाकों में कृषि भूमि और खड़ी सब्जियों की फसलें जलमग्न हो गई हैं। किसान अब अनिश्चित भविष्य की ओर देख रहे हैं।
सालंदी नदी में दरार
भद्रक जिले के तलगोपाबिंधा पाड़साही इलाके के पास सालंदी नदी में 30 फीट की दरार आ गई है। पिछले दो वर्षों से क्षेत्र में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने के कारण कई पंचायतों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जल संसाधन विभाग ने दरार की मरम्मत के उपाय शुरू कर दिये हैं।
नयागढ़ के 60 गांव बाढ़ से प्रभावित
महानदी बेसिन में बाढ़ के कारण नयागढ़ जिले के गनिया ब्लॉक के अंतर्गत पांच पंचायतों के 60 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। हालांकि बाढ़ का पानी आंशिक रूप से कम हो गया है, लेकिन इससे इन क्षेत्रों में लोगों को ज्यादा राहत नहीं मिली है। किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। बैंगन, धान और अन्य सब्जियों सहित कई फसलें अब बाढ़ के पानी में डूब गई हैं।