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ओडिशा में गैरसंगठित श्रमिक सामाजिक सुरक्षा बोर्ड कल्याण योजना में शामिल होंगे 50 वर्ग
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डेलीवरी बाय, कुंभार, लोहार, पाइप मिस्त्री आदि होंगे लाभान्वित
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दुर्घटना होने पर चार लाख की मिलेगी सहायता
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स्वाभविक मौत होने पर दो लाख रुपये की सहायता
भुवनेश्वर। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य के सामाजिक सुरक्षा बोर्ड कल्याण योजना में 50 और वर्गों को शामिल करने के निर्देश दिये हैं। इसमें दर्जी, नाई, स्पा, पार्लर व सैलून में कार्य करने वाले कर्मचारी, बढ़ई, लोहार, मछआरे, रेलवे कुली, माल लोडिंग न अनलोडिंग में शामिल श्रमिक, कुंभार, पत्थरों में काम करने वाले शिल्पी व सहायक, पालिथिन इकट्ठा करने वाले, रजक लंड्री व ड्राई क्लिनर के कर्मचारी, सफाई कर्मचारी, बुनकर व हैंडलूम कारिगर, नारियल के छिलके से जुड़े मजदूर, लोककला कलाकार, चित्र बनाने वाले शिल्पी, मांस काटने वाले, सोनार, होटल व ढाबा में कार्य करने वाले श्रमिक, फोटोग्राफर व वीडियोग्राफर शामिल हैं।
इसके अलावा वेल्डिंग कारिगर व सहायक, इलेक्ट्रिशियन, पानी पाइप मिस्त्री, टूल मेकर, डाई मेकर व रंग मिस्त्री, मेकानिकल व इलेक्ट्रिकल उपकरण मरम्मत करने वाले, माली, फर्निचर मरम्मत में काम करने वाले श्रमिक, किराना दुकान में कार्य करने वाले सहायक, फुल दुकानदार, टेंट हाउस में कार्य करने वाले श्रमिक, बैंड पार्टी के सदस्य, मनोरंजन कलाकार, संगीतकार व गायक, फिल्म ऑपरेटर व सहायक, सिनेमा हल बुकिंग क्लर्क, बाद्य यंत्र निर्माण में काम करने वाले श्रमिक, सभी प्रकार के कारिगर, पौधारोपण करने वाले श्रमिक, नाव चालक व सहायक, स्नैक्स-मिक्सचर फैक्ट्री में कार्य करने वाले श्रमिक, आचार आदि निर्माण करने वाले, सा मिल में काम करने वाले श्रमिक, दूध बेचने वाले व्यक्ति, केयर टेकर, हाउस कीपर, केक तैयार करनेवाले, बर्फ व आइसक्रिम तैयार करने वाले, डेयरी प्रडक्ट प्रस्तुत करने वाले, ट्रैवेल व टूरिस्ट गाइड, डेलीवरी बाय तथा कृषि श्रमिक शामिल हैं।
इस बोर्ड में पंजीकृत होने वाले श्रमिकों की मौत होने की स्थिति में उनके परिजनों को 2 से 4 लाख रुपये तक की राशि प्राप्त होगी। स्वाभविक मौत होने पर उन्हें दो लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी।
वर्तमान में बोर्ड के जरिये वर्तमान में 10 वर्ग से 3.65 लाख पंजीकृत श्रमिक सुविधा ले रहे हैं।
वर्तमान में घूम-घूमकर बेचने वाले, छोटे दुकानदार, घरों में काम करने वाले, रिक्शा चलाने वाले, आटो चालक, अखबारों के हाकर जैसे वर्गों को इस योजना में शामिल किया गया है और ये इसका लाभ उठा रहे हैं।