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एसजेटीए द्वारा उच्च न्यायालय में दाखिल हलफनामे से हुआ खुलासा
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आखिरी बार साल 1978 में खोला गया था रत्न भंडार
पुरी। पुरी श्रीमंदिर के रत्न भंडार में लगभग 1.5 क्विंटल सोना और 184 किलो चांदी है। श्रीमंदिर रत्न भंडार को खोलने की जोर पकड़ रही है मांग के बीच श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) द्वारा उच्च न्यायालय में दाखिल हलफनामे से यह खुलासा हुआ है। इसमें बताया गया है कि रत्न भंडार आखिरी बार साल 1978 में खोला गया था और इस दौरान आभूषणों की गिनती की गई थी। तब अनुमान लगाया गया था कि रत्न भंडार में 149 किलोग्राम 460 ग्राम सोना और 184 किलोग्राम चांदी थी।
एसजेटीए प्रशासक (नीति) की ओर से सौंपे गए हलफनामे में यह भी बताया गया है कि रत्न भंडार में तीन चैंबर हैं। भीतरी कक्ष में रखे आभूषणों का कभी उपयोग नहीं किया जाता। इसी प्रकार बाहरी कक्ष के आभूषणों का उपयोग उत्सवों के अवसर पर किया जाता है और देवताओं के दैनिक अनुष्ठानों के लिए वर्तमान कक्ष में रखे गए आभूषणों का उपयोग किया जाता है। हलफनामे के मुताबिक, आंतरिक कक्ष में 50 किलोग्राम 600 ग्राम सोना और 134 किलोग्राम 50 ग्राम चांदी है। बाहरी कक्ष में 95 किलोग्राम 320 ग्राम सोना और 19 किलोग्राम 480 ग्राम चांदी है, वहीं वर्तमान कक्ष में 3 किलोग्राम 480 ग्राम सोना और 30 किलोग्राम 350 ग्राम चांदी है।
इससे पहले पुरी गजपति महाराजा दिव्य सिंहदेव और भगवान जगन्नाथ के प्रमुख बड़ग्राही जगन्नाथ स्वाईं महापात्र ने रत्न भंडार को फिर से खोलने की मांग की थी। इसके बाद से लगातार राजनीतिक दल भी इसे खोलने और गायब हुई चाबी का मुद्दा उठाते रहे हैं।