-
अक्टूबर से बाघों और मई 2024 में होगी हाथियों की जनगणना
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार राज्य में बाघों और हाथियों की सही संख्या का पता लगाने के लिए इनकी जनगणना कराएगी। बाघों की जनगणना की कवायद इस साल अक्टूबर में शुरू होगी और डेढ़ महीने तक चलेगी, जबकि हाथियों की जनगणना अगले साल मई में की जाएगी। सूत्रों ने कहा कि वन विभाग बाघों की गणना के लिए दो तरीके अपनाएगा। एक है लाइन-ट्रांजैक्शन और दूसरा है कैमरा ट्रैप। पिछली केंद्रीय जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, देश में बाघों की संख्या 2018 में 2,967 से बढ़कर 2022 में 3,167 हो गई है।
साल 2006 में देश में 1,411 बाघ थे। साल 2010 की जनगणना के अनुसार 1,706 बाघ और 2014 की जनगणना के अनुसार 2,226 थे।
जहां तक ओडिशा का सवाल है साल 2006 में ओडिशा में 45 बाघ थे। साल 2010 में यह संख्या घटकर 32 हो गई। साल 2018 में यह संख्या और कम होकर 28 हो गई।
हालांकि, ओडिशा सरकार की जनगणना के अनुसार, 2016 में राज्य में 40 बाघ थे।
राज्य के पर्यावरणविदों और पशु प्रेमियों ने बाघ अभयारण्य में इनकी घटती संख्या पर चिंता व्यक्त की है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने सिमिलिपाल को देश में बाघ प्रजनन के लिए सर्वोत्तम स्थान घोषित किया है। एनटीसीए बाघ अभयारण्य में बाघों की सुरक्षा के लिए हर साल 12-13 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है।