इण्डो एशियन टाइम्स, भुवनेश्वर।
राज्य में बहुचर्चित ओडिशा स्टॉफ सलेक्शन कमिशन (ओएसएससी) द्वारा संचालित जेई परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले की भारतीय जनता पार्टी ने सीबीआई जांच की मांग की है। पार्टी के प्रवक्ता अनिल बिश्वाल ने पार्टी कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बालेश्वर की आरक्षी अधीक्षक ने इस मामले की जांच को लेकर कल जो बयान दिया है, उससे राज्य के शिक्षित युवा वर्ग का भरोसा समाप्त हो गया है। बालेश्वर की एसपी इस मामले में कहानी सुना रही हैं, जिस पर विश्वास करना असंभव है।
उन्होंने बताया कि बालेश्वर की एसपी ने कहा है कि प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी के जरिय़े प्रश्न पत्र लीक हुआ है। बिश्वाल ने दावा किया कि ओडिशा स्टॉफ सलेक्शन कमिशन के वरिष्ठ अधिकारी व राज्य सरकार के बड़े व्यक्ति के बिना इस तरह का कार्य हो ही नहीं सकता। लेकिन इस मामले के प्रमुख दोषियों को बचाने के लिए राज्य पुलिस प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी पर दोष मढने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि केवल एक प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी पर दोष मढ कर सरकार इस कृत्य से बच नहीं सकती। यह परीक्षा कराने की जिसकी जिम्मेदारी है, उसका का क्या कोई जवाबदेही नहीं है।
उन्होंने कहा कि ओएसएससी रुल-1933 के अनुसार इस तरह के मामला होने पर आयोग के सचिव व अध्यक्ष जिम्मेदार होंगे, लेकिन अभी तक उन पर किसी प्रकार की कार्रवाई क्यों नहीं हुई है, राज्य सरकार को इसका उत्तर देना होगा। बिश्वाल ने राज्य सरकार से पूछा कि क्या यह नवीन सरकार की 5-टी का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि प्रिंटिंग प्रेस के साथ चेयरमैन का क्या संबंध है। यदि प्रिंटिंग प्रेस से प्रश्न पत्र लीक हुआ है, तो अभी तक ओएसएससी ने प्रिंटिंग प्रेस के खिलाफ प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज कराई है।
बिश्वाल ने कहा कि एक बड़ा प्रश्न यह है कि जिन परीक्षार्थियों ने प्रिलिम की परीक्षा पास की थी, उनका रोलनंबर व मोबाइल नंबर दलालों को किसने दिया। इससे स्पष्ट है कि इस मामले की जांच कर रही ओडिशा पुलिस कहानियां सुना रही है। इस लिए मामले की सीबीआई जांच की जाने की आवश्यकता है।