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कहा- पूरी दुनिया में भारत का बजेगा डंका
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भविष्य में छात्र सृजित करेंगे नियुक्तियों का अवसर
इण्डो एशियन टाइम्स, ब्रह्मपुर।
भारत में लागू की गई नई शिक्षा नीति देश को एक सशक्त और सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था वाला राष्ट्र का निर्माण करेगी। इस नीति के लागू होने से बचपन से बच्चों के अंदर छिपे हूनर निखरने लगेंगे और वे बहुत कम आयु में एक नियोक्ता बनेंगे। इस नीति के लागू होने के कारण पूरी दुनिया में भारत का डंका बजेगा। नौकरी के पीछे भागने की जगह वे नौकरियों सृजित करेंगे। इन उद्देश्यों को हासिल करने के लिए केंद्रीय विद्यालय ने नई शिक्षा नीति को लागू करना शुरू कर दिया है। इसके तहत सफलतापूर्वक एक समग्र पाठ्यक्रम लागू किया है, जो छात्रों के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देते हुए शैक्षणिक और सह-पाठ्यचर्या गतिविधियों के एकीकरण को बढ़ावा देता है।
नई शिक्षा नीति 2020 के लागू होने की तीसरी वर्षगांठ मनाते हुए केंद्रीय विद्यालय की ओर यहां आयोजित अब लागू की गई नीति की प्रगति पर प्रकाश डाला गया। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए केंद्रीय विद्यालय ब्रह्मपुर के प्राचार्य बी पटनायक ने कहा कि किसी भी देश की प्रगति का सबसे महत्वपूर्ण आधार शिक्षा होती है। आज जब भारत अपनी आज़ादी के अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है और विश्व अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान हासिल कर रहा है तो यह आवश्यक हो जाता है कि हमारी शिक्षा नीति भी वर्तमान आवश्यकताओं और माँग के अनुरूप हो। इसी उद्देश्य से व्यापक विचार-मंथन के पश्चात भारत सरकार सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लेकर आई। जिसमें बच्चे को केन्द्र में रखकर उसके सर्वांगीण विकास के लिए सीखने के पारंपरिक और नवीन तरीकों और प्रविधियों पर जोर दिया गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधान आने के तीन वर्ष पश्चात उन प्रावधानों के क्रियान्वयन की प्रगति से आम जनमानस को जागरूक किया जाना नितांत आवश्यक है। इसी उद्देश्य से केन्द्रीय विद्यालय लोगों को जागरूक करने में भी जुटा है। इस दौरान बताया गया कि केन्द्रीय विद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निर्देशों के अनुरूप विभिन्न कदम प्रभावी रूप से उठाए गए हैं। विद्यालय में कक्षा पहली में प्रवेश लेने वाले नए विद्यार्थियों के लिए विद्या प्रवेश उत्सव कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। जिसमें बच्चों को विभिन्न खेलकूद तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों द्वारा मनोरंजन के साथ शिक्षा की ओर प्रेरित किया जाता है।
विद्यालय ‘निपुण भारत मिशन’ के अंतर्गत कक्षा तीन तक के बच्चों के लिए बुनियादी पढ़ने-लिखने तथा अंक गणित हल करने के लक्ष्य को विभिन्न शिक्षण गतिविधियों के द्वारा संपादित कर रहा है। इसके अंतर्गत एफ एल एन (फाउंडेशनल लिट्रेसी एंड न्यूमेरेसी)- मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसमें प्रत्येक कक्षा में बच्चों के लिए भाषा और गणित सीखने के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए खिलौना आधारित शिक्षण, क्लब गतिविधियाँ, समग्र मूल्यांकन प्रणाली और करके सीखो आदि के माध्यम से बच्चों को शिक्षण दिया जाता है। इसके सफलता पूर्वक क्रियान्वयन के लिए नियमित अंतराल पर शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाता है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधुनिक समय की आवश्यकता बनता जा रहा है। जब भारत नॉलेज पॉवर बनने की दिशा में अग्रसर है तो एआई उसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसीलिए केन्द्रीय विद्यालय में एआई एक अतिरिक्त विषय के रूप में पढ़ाया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बच्चों के ज्ञान को व्यवहारिक जीवन से जोड़ने और कौशल विकास पर विशेष बल दिया गया है। इस दिशा में विद्यालय निरंतर प्रयास कर रहा है। बच्चों को अनुभव करके सीखने, प्रयोगशाला में सीखने और सीखे गए विषय को दैनिक जीवन में लागू करने पर बल दिया जा रहा है। बच्चों के कौशल विकास के लिए विद्यालय में कार्यानुभव शिक्षक, क्रीड़ा शिक्षक, कला शिक्षक, संगीत शिक्षक, नृत्य, कम्प्यूटर और योग के अनुदेशक नियुक्त हैं। जो अपनी नियमित कक्षाओं में बच्चों की रुचियों और क्षमताओं के अनुसार उनके कौशल विकास में अपना योगदान देते हैं।
पत्रकार वार्ता में केवीएस आस्का के प्रभारी डा रवींद्र कुमार दूबे, केंद्रीय विद्यालय भंजनगर से सत्यवन साहू, छत्रपुर से राजेंद्र कुमार पंडा, दिग्गपहंडी से बलराम मोहंती, हिंजिलीकट से मुकेश पति, ब्रह्मपुर से हेडमास्टर हरिहर पंडा, सहायक शिक्षक पृथ्वीराज महापात्र, बायोलॉजी के शिक्षक ज्योतिर्मयी त्रिपाठी तथा जवाहर नवोदय विद्यालय सुरंगी से कविता कर की भी उपस्थित रही। इस दौरान सभी वक्ताओं ने नई शिक्षा नीति को लेकर अपने-अपने विद्यालयों की प्रगति पर प्रकाश डाला तथा बताया कि वे कैसे अपने क्षेत्रों में लोगों को जागरूक कर रहे हैं। इसके साथ ही सभी वक्ताओं ने नई शिक्षा नीति की उपयोगिता और क्रांतिकारी निर्णायाक होने के लेकर भी प्रकाश डाला।