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नजदीक के गांवों में अवैध बंदूक निर्माण इकाइयों का पता लगाने के लिए होगी छापेमारी
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वनकर्मियों को आग्नेयास्त्रों के उपयोग पर किया जाएगा प्रशिक्षित
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने मयूरभंज जिले में सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व (एसटीआर) में सुरक्षा उपायों को मजबूत करने का फैसला किया है। खासकर क्षेत्र में शिकारियों के बढ़ते खतरे और दो वनकर्मियों की हत्या को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है। इस संबंध में कल गुरुवार को यहां लोक सेवा भवन में मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें यह निर्णय लिया गया।
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निर्देशों के बाद हुई बैठक में सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व के नजदीक के गांवों में अवैध बंदूक निर्माण इकाइयों का पता लगाने के लिए छापेमारी तेज करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा, अवैध आग्नेयास्त्रों के निर्माण में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
तलाशी अभियान चलेगा
बताया जाता है कि सरकार ने मयूरभंज जिला पुलिस द्वारा टाइगर रिजर्व में तलाशी अभियान चलाने का फैसला किया है, जबकि टाइगर रिजर्व में निगरानी और खुफिया गतिविधियां तेज की जाएंगी। एसटीआर अधिकारियों के परामर्श से मयूरभंज पुलिस और वन विभाग की एक संयुक्त टीम द्वारा इस उद्देश्य के लिए एक नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाई जाएगी।
बदलेंगी पुरानी डबल बैरल बंदूकें
सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व के अंदर वनकर्मियों को आग्नेयास्त्रों के उपयोग पर प्रशिक्षित किया जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि पुरानी डबल बैरल बंदूकों को आधुनिक आग्नेयास्त्रों और गोला-बारूद से बदला जाएगा।
सामुदायिक जागरूकता और भागीदारी कार्यक्रम होगा शुरू
शिकारियों पर नकेल कसने के लिए टाइगर रिजर्व में सुरक्षा प्रबंधन में शामिल स्थानीय पंचायत नेताओं को शामिल करके सामुदायिक जागरूकता और भागीदारी कार्यक्रम शुरू करने का भी निर्णय लिया गया है। बैठक में निर्णय लिया गया कि जब तक जिला वन विभाग में रिक्त पद नहीं भरे जाते, तब तक वन विभाग और एसटीआर अधिकारी अन्य प्रभागों से अपने संबंधित कर्मचारियों को जानवरों की निगरानी, गश्त के साथ-साथ शिकारियों और लकड़ी माफियाओं को पकड़ने के लिए लगाएंगे।