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भक्तों के लिए उपलब्ध होगा महाप्रसाद अढ़प अभड़ा

पुरी। महाप्रभु श्री जगन्नाथ, देव बलभद्र और देवी सुभद्रा दो दिनों तक अपने-अपने रथों पर रहने के बाद एक भव्य आयोजन में गुंडिचा मंदिर स्थित अपने जन्मस्थान ‘अढ़प मंडप’ में ले जाया गया। इसे गोटी पहंडी के नाम से जाना जाता है। औपचारिक अनुष्ठान को लोकप्रिय रूप से ‘अढ़प मंडप बिजे’ के नाम से भी जाना जाता है।

सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार, पवित्र देव आज से लाखों देवताओं को उनकी जन्म वेदी पर दर्शन देंगे। इस अवधि के दौरान देवताओं के सामने चढ़ाए जाने वाले महाप्रसाद को अढ़प अभड़ा के नाम से जाना जाता है। आज देवताओं को विशेष अढ़प अभड़ा अर्पित किया जाएगा और यह आज से भक्तों के लिए उपलब्ध होगा।

प्रचलित मान्यता के अनुसार, जो व्यक्ति अढ़प अभड़ा का एक निवाला ग्रहण करता है, तो उसे करोड़ों जन्मों का पुण्य मिलता है। गुंडिचा मंदिर के अंदर देवताओं के सुचारू दर्शन और अढ़प अभड़ा में भाग लेने के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं।
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